Lucknow News: उत्तर प्रदेश में मेडिकल छात्रों के लिए अच्छी खबर है. वर्ष 2024 में सूबे के 14 नए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं. इन कॉलेजों की बिल्डिंग भी तैयार हो चुकी है. अब उपकरण व अन्य संसाधन तैयार किए जा रहे हैं. इसके साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों के लिए शिक्षकों व कर्मियों की भर्ती को लेकर भी जल्द प्रक्रिया पूरी की जाएगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग में मान्यता के लिए अनुमति मांगी है, वहां से हरी झंडी मिलने के इंतजार है. खास बात है कि अगर प्रदेश के इन सभी 14 मेडिकल कॉलेजों को एक साथ मान्यता मंजूर होती है तो इससे राज्य में मेडिकल की 1400 सीटों का इजाफा होगा. ऐसे में प्रदेश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज की सीटों में वृद्धि का रिकॉर्ड कायम होगा. प्रदेश सरकार के अफसरों के मुताबिक पूरी संभावना है कि सभी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता के बाद अगले वर्ष से यहां शिक्षण कार्य शुरू हो सकेगा.
उत्तर प्रदेश में अभी सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की 3828 और निजी कॉलेजों में 4700 सीटें हैं. पिछले साल एक साथ नौ कॉलेजों को मान्यता मिली थी. अब निर्माणाधीन 14 स्वशासी कॉलेजों को मान्यता दिलाने की कवायद शुरू कर दी गई है. ये कॉलेज सोनभद्र, बुलन्दशहर, गोंडा, बिजनौर, चंदौली, लखीमपुर खीरी जिले, कुशीनगर, कौशांबी, सुलतानपुर, अमेठी, कानपुर देहात, ललितपुर, पीलीभीत और ओरैया में हैं. इन कॉलेजों में सत्र 2024-25 से एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए संकाय सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. कॉलेजों के प्रधानाचार्य को उपकरण और फर्नीचर खरीदने की अनुमति दे दी गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि एनएमसी की टीमें जनवरी 2024 से कॉलेजवार निरीक्षण शुरू कर देंगी. एनएमसी की मान्यता मिलने के बाद यहां अगले सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई और मरीजों का उपचार एक साथ शुरू हो सकेगा.
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उत्तर प्रदेश के 14 नए मेडिकल कालेजों में शिक्षकों व कर्मियों के 19376 पदों की स्वीकृति मिल गई है. इसमें 9954 पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा, 56 पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे और 9366 पद आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाएंगे. हर मेडिकल कॉलेज में 112 पद असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर व फिजिस्ट आदि के होंगे.
इसके साथ ही 446 पद सीनियर रेजीडेंट, जूनियर रेजीडेंट व मेडिकल आफिसर और 110 पद चीफ फार्मासिस्ट, डेंटल टेक्नीशियन व फार्माासिस्ट तथा 110 पद गैर तकनीकी संवर्ग के होंगे. इस तरह प्रत्येक मेडिकल कालेज में 711 नियमित पद सृजित किए गए हैं. आउटसोर्सिंग से भरे जाने वाले पदों में डिप्टी लाइब्रेरियन, मेडिकल सोशल वर्कर, काउंसलर, कंप्यूटर आपरेटर व डाटा एंट्री आपरेटर के पद हैं.
इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पार्थ सारथी सेन शर्मा का कहना है कि पूरी कोशिश की जा रही है कि सभी 14 मेडिकल कॉलेजों में एक साथ एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू कराई जाए. राज्यपाल से पदों की स्वीकृति मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है. उपकरण व अन्य संसाधन भी तैयार किए जा रहे हैं. जल्द ही एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी.