UP Air Quality Index: दीपावली के बाद यूपी की हवा में प्रदूषण काफी बढ़ गया है. कुछ दिनों पहले बारिश और हल्की बूंदाबांदी से राहत मिली थी. लेकिन, अब स्थिति फिर पहले से भी खराब हो गई है. इस बीच उत्तर प्रदेश के शहरों में अब कोहरे का असर देखने को मिलेगा. धूप निकलने तक कोहरा हावी रहेगा. इसके बाद आसमान साफ होगा. लेकिन, धुंध छाई रह सकती है तापमान में फिलहाल किसी बड़े बदलाव के आसार नहीं हैं. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक कोहरे का असर एक्सप्रेसवे, हाईवे और खुले स्थानों पर ज्यादा देखने को मिलेगा. यह सिलसिला 17 नवंबर तक जारी रहेगा. इसके बाद धुंध छाई रहेगी. सुबह नौ बजे के आसपास आसमान साफ होने लगेगा. दोपहर को तेज धूप खिल सकती है. इस बीच दिन का तापमान 28 से 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के आसार हैं, जबकि रात का पारा 14 से 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. प्रदेश में फिलहाल बारिश की संभावना नहीं है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक प्रदेश में 19 नवंबर तक मौसम शुष्क बना रहेगा. अलग अलग स्थानों पर हल्के से मध्यम कोहरे का असर दिखाई देने लगा है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक इस बीच आतिशबाजी के धुएं के बाद कई शहरों में हवा में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. दिल्ली की हवा जहां रेड जोन में पहुंच गई है, वहीं इसका असर पश्चिमी यूपी और एनसीआर में ज्यादा देखने को मिल रहा है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत आदि में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. मेरठ और बागपत का एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है. कई शहरों में यह 300 के पार है. शहर खतरनाक गैसों का चैंबर बन गए हैं. हवा जहरीली हो गई है. हर तरफ धुंध का असर देखने को मिल रहा है. कई इलाकों में खतरनाक प्रदूषणकारी तत्वों की मौजूदगी का अधिकतम स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब तक रिकॉर्ड किया गया है. यह प्रदूषण मानको में सर्वाधिक है.
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उत्तर प्रदेश में मंगलवार सुबह यूपी की राजधानी लखनऊ का AQI 176, मेरठ का 177, इलाहाबाद का 300, बुलंदशहर का 128, फैजाबाद का 277, फतेहपुर का 110, गाजियाबाद का 264, गोरखपुर का 204, हापुड़ का 163, जौनपुर का 243, झांसी का 216, कानपुर का 231, मीरजापुर का 222, नोएडा का 341 सीतापुर 180 और वाराणसी का AQI 252 दर्ज किया गया. बरेली का AQI 175 है. यहां के राजेंद्र नगर का AQI 146, रामपुर गार्डन का 145 और सुभाष नगर का AQI 152 है. सोमवार रात बरेली का AQI 233 था, जो बेहद खराब स्थिति में है. यहां का पीएम 2.5, 233 और पीएम 10, 197 है. जो सांस लेने योग्य नहीं है. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, और जमीन का ओजोन लोगों में सांस के रोग को बढ़ा सकता है. अगले 24 घंटे में AQI और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
बरेली शहर के साथ ही देहात के इलाकों में भी AQI खराब स्थिति में पहुंच गया है. देहात की आंवला, बहेड़ी, फरीदपुर, नवाबगंज, शेरगढ़, शीशगढ़, का भी AQI 172 तक आ गया है, जो चिंतनीय है. शहर के अपेक्षा देहात की आबोहवा सही रहती थी.मगर, अब देहात की आबोहवा भी बिगड़ने लगी है.
हर इंसान के लिए ऑक्सीजन जरूरी है. इसकी कमी से सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है. सांस लेने वाली हवा का ऑक्सीजन स्तर 19.5 प्रतिशत ऑक्सीजन होना चाहिए. इसके नीचे ऑक्सीजन जाने से नुकसान होता है. 0 से 50 AQI तक ठीक होता है. इसका सेहत पर कम असर होता है. 51-100 AQI भी ठीक है. लेकिन, संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है. 101 के बाद ठीक नहीं है. 101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. मगर, यूपी के 50 से अधिक शहरों का AQI 200 से अधिक है. 201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है.
तराई इलाकों में ठंडी हवाओं से ठंड बढ़ने लगी है. मौसम विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में हवा में नमी बढ़ने से कोहरे में इजाफा होने की बात कही है. मंगलवार सुबह न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यहां न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली