UP Weather Update: यूपी में बारिश का सिलसिला जारी है. शुक्रवार रात को एनसीआर के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है. हालांकि, बारिश के बाद निकलने वाली धूप के कारण गर्मी की वजह से लोग परेशान हैं. लखनऊ सहित आसपास के क्षेत्रों में हवा की रफ्तार थमने और धूप होने से गर्मी का असर कम नहीं हो रहा है.
मौसम विभाग ने शनिवार को पश्चिमी यूपी में कुछ स्थानों और पूर्वांचल के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना जताई है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक मानसून टर्फ इस समय उत्तर के तराई की ओर बढ़ रहा है. बंगाल की खाड़ी से आती आद्र पुरवा हवा और पश्चिमी विक्षोभ के चलते चली पछुआ हवा के टकराने से मानसून के अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं.
प्रदेश में फिलहाल 13 जुलाई तक अच्छी बारिश की स्थिति है. इस दौरान कहीं कम कहीं ज्यादा बारिश हो सकती है. हालांकि प्रदेश में अगले सप्ताह एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिला सकता है. इस दौरान मानसून के फिर सक्रिय होने से भारी बारिश के आसार हैं. 11 जुलाई को पूरे प्रदेश में भारी बरसात होने की संभावना है.
पिछले चौबीस घंटे के दौरान प्रदेश में बरसात का सिलसिला जारी रहा. लखनऊ सहित आसपास के क्षेत्रों में कहीं कम तो कहीं ज्यादा बरसात हुई. पश्चिमी यूपी में तेज बरसात रिकॉर्ड हुई. जबकि पूर्वांचल में इसका कम असर देखने को मिला.
प्रदेश में बरेली के मीरगंज में 120.5 मिमी, हरदोई में 86 मिमी, प्रयागराज में 41 मिमी, उरई में 26 मिमी, मुजफ्फरनगर में 23.4 मिमी और नजीबाबाद में 15.2 मिमी बरसात रिकॉर्ड हुई. मौसम विभाग ने 13 जुलाई तक बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक शनिवार को राजधानी लखनऊ और आसपास के जनपदों में बादलों की आवाजाही के बीच बारिश की संभावना है. अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रहने की संभावना है. प्रदेश में बीते चौबीस घंटे में लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा तपिश देखने को मिली. यहां अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान हरदोई और बुलंदशहर में 25 डिग्री दर्ज किया गया.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक इस समय गंगीय पश्चिम बंगाल और इससे सटे उत्तरी ओडिशा के हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. यह ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकते हुए औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पूर्वी अरब और इससे सटे दक्षिणी गुजरात पर है.
औसत समुद्र तल पर अपतटीय ट्रफ रेखा दक्षिण गुजरात तट से उत्तरी केरल तट तक फैली हुई है. उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. इसका असर प्रदेश के मौसम में देखने को मिल रहा है.
वज्रपात के समय पक्की छत के नीचे चले जाएं. इस दौरान खिड़की के कांच, टिन की छत, गीले सामान और लोहे के हैंडलों से दूर रहें. वज्रपात के समय अगर आप पानी में है तो तुरंत बाहर आ जाएं. इसके अलावा अगर आप खुली जगह पर हो, तो कान पर हाथ रखकर एड़ियों को आपस में मिलकर जमीन पर बैठ जाएं. सफर के दौरान खुली छत वाले वाहन की सवारी नहीं करें.
वज्रपात के समय पेड़ के नीचे खड़े नहीं हों. बिजली उपकरणों, स्विचों, तारों और टेलीफोन का प्रयोग नहीं करें. इस दौरान दीवार के सहारे टेक लगाकर नहीं खड़े हों. बिजली के खंबे के पास भी नहीं जाएं.