UP Weather Update: यूपी में मानसून के तेवर बीते अड़तालीस घंटे में कमजोर होने से अधिकांश जगह उमस भरी गर्मी की स्थिति है. इस दौरान तेज बारिश नहीं होने से ज्यादातर इलाकों में गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. मौसम में नमी का स्तर 89 प्रतिशत तक पहुंच गया है. लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में बीते दो दिनों से बारिश नहीं हुई है. मंगलवार सुबह भी आसमान में हल्के बादल छाए रहने के बीच गर्मी का एहसास बना रहा.
मौसम विभाग के मुताबिक लखनऊवासियों को बादलों के जमकर बरसने के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा. उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी मानसून की गतिविधियां कमजोर हुई हैं. मौसम विभाग जिस तरह से भारी बारिश का पूर्वानुमान बता रहा है, उसके मुताबिक बरसात नहीं हो रही है.
कई जनपदों में पूरे दिन बादलों की आवाजाही के बावजूद बारिश नहीं हो रही है. हालांकि पहाड़ों में बारिश और कई जगहों से पानी छोड़े जाने के कारण यूपी में गंगा, यमुना सहित अन्य नदियों का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. नदियों के किनारों से लगे इलाकों में रहने वाले परिवारों को काफी नुकसान पहुंचा है. कई परिवार बाढ़ की संभावना के बीच सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर चुके हैं.
इस बीच मौसम विभाग ने मंगलवार को पश्चिमी यूपी के अनेक स्थानों सहित प्रदेश के पूर्वी हिस्से में कुछ स्थानों पर बारिश और गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई है. आकाशीय बिजली गिरने को लेकर लोगों को सर्तक रहने की सलाह दी गई है. फिलहाल प्रदेश में 23 जुलाई तक बारिश के आसार हैं.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक अगले 48 घंटे में प्रदेश में अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है. इसके बाद 2-4 डिग्री सेल्सियस तक इजाफा दर्ज किया जा सकता है. वहीं न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने के आसार नहीं हैं.
राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. उत्तर प्रदेश में बीते चौबीस घंटे में बांदा में सबसे ज्यादा तपिश देखने को मिली. यहां अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं प्रदेश में न्यूनतम तापमान चुर्क में 24.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक अगले 24 घंटे में प्रदेश में बारिश को लेकर कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. इनमें बिजनौर, अमरोहा, बुलंदशहर, मथुरा, अलीगढ़, संभल, रामपुर, बदायूं, कासगंज, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और फर्रुखाबाद शामिल हैं.
इसी तरह मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर देहात, जालौन, झांसी, हमीरपुर, महोबा, ललितपुर, बांदा, फतेहपुर, रायबरेली, कानपुर नगर, अमेठी, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट, प्रयागराज, संतकबीरनगर, वाराणसी, मीरजापुर, चंदौली और सोनभद्र में यलो अलर्ट जारी किया गया है.
इस बीच नदियों के जल स्तर में वृद्धि का सिलसिला जारी है. गंगा, यमुना सरयू समेत अन्य नदियों का जलस्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान बरसात के कारण उफनाई नदियों की वजह से हो रहा है. कई जिलों में स्थिति खराब हो गई है.
गंगा और यमुना दोनों ही नदियों ने इस समय रौद्र रूप धारण किया हुआ है. आगरा और मथुरा में यमुना के तेवर से तटबंध वाले इलाकों में रहने वाले लोग सहमे हुए हैं. मथुरा में उफनाई यमुना खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर बह रही है. उसका जलस्तर हर घंटे 2.5 सेमी बढ़ रहा है. सौ से अधिक कॉलोनियों में पानी भर चुका है. दो हजार से अधिक लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है.
बदायूं के कछला ब्रिज पर जलस्तर का 12 साल का रिकार्ड टूट चुका है. इसके बाद भी जल स्तर और बढ़ रहा है. यहां बाढ़ को लेकर लोग सहमे हुए हैं. इसी तरह बाराबंकी में सरयू का जलस्तर भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. अयोध्या में सरयू और शाहजहांपुर में रामगंगा गंभीर स्थिति पैदा कर रही है.
कुशीनगर में गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. फर्रुखाबाद और हापुड़ में गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है, इस वजह से लोग डरे हुए हैं. अगले दो दिन जहां कई नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है तो वहीं कई जगह बाढ़ की आशंका जताई जा रही है. हिंडन, गंगा-यमुना नदी के रौद्र रूप धारण करने के कारण किनारे बसे गांवों और शहरी इलाकों में स्थिति बिगड़ने की संभावना है.
प्रदेश में नदियों की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर बाढ़ की आशंका को लेकर संबंधित जिलों को सतर्क किया गया है. जरूरत होने पर लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की सलाह दी गई है. एसडीआरएफ को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक निम्न दबाव का क्षेत्र अब झारखंड के पश्चिमी हिस्सों और इससे सटे उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तरी आंतरिक ओडिशा पर है. इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकते हुए मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है. यह उत्तरी छत्तीसगढ़ की तरफ पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा.
इसके साथ ही मानसून ट्रफ गंगानगर, चूरू, ग्वालियर, सतना के निम्न दबाव क्षेत्र के केंद्र बालासोर और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी से होकर गुजर रही है. 18 जुलाई तक उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की उम्मीद है. इस वजह से उत्तर प्रदेश के मौसम में भी इसका असर देखने को मिल सकता है.