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UP Weather Update: यूपी में गुलाबी जाड़े से पहले जमकर होगी बारिश, भारी व्रजपात के आसार, जानें IMD का अलर्ट

UP Weather Update: मौसम विभाग के मुताबिक गुलाबी जाड़ा शुरू होने से पहले बारिश एक बार फिर अपना असर दिखाने को तैयार है. साथ ही कई जनपदों आकाशीय बिजली का प्रकोप देखने को मिल सकता है. प्रदेश में 3 अक्टूबर को पूर्वांचल में कुछ स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है.

UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में मौसम के उतार चढ़ाव के बीच एक बार फिर बारिश की स्थिति सक्रिय हो रही है. पूर्वांचल में जहां बारिश की वजह से तापमान में असर देखने को मिल रहा है, वहीं राज्य के पश्चिमी हिस्से में उमस भरी गमी का माहौल है. मौसम विभाग के मुताबिक गुलाबी जाड़ा शुरू होने से पहले बारिश एक बार फिर अपना असर दिखाने को तैयार है. साथ ही कई जनपदों आकाशीय बिजली का प्रकोप देखने को मिल सकता है. हालांकि बीच में मौसम शुष्क रहेगा. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक कुछ जनपदों में मौसम अचानक करवट लेगा. पूर्वांचल के जनपदों में इसका ज्यादा असर देखने सकता है. वहीं पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रहेगा. कुछ जिलों में हल्की बारिश के आसार हैं.

अधिकतम तापमान में गिरावट की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में 3 अक्टूबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम सामान्य तौर पर शुष्क रहेगा और पूर्वांचल में कुछ स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने के आसार हैं. इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है. वहीं 4, 5 अक्टूबर को भी प्रदेश में इसी तरह का मौसम रहेगा. हालांकि इन दिनों के लिए फिलहाल कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है. वहीं 6 और 7 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा. प्रदेश में अगले 24 घंटे के दौरान दो से अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है. इसके बाद तापमान में कोई बदलाव नहीं होगा. वहीं न्यूनतम तापमान में अगले चार दिनों तक कोई बड़ा बदलाव होने के आसार नहीं है.

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इन जिलों में बरसेंगे बादल

प्रदेश में कौशांबी, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदासनगर, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया व आसपास भारी बरसात के आसार हैं. वहीं फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, आजमगढ़, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज व आसपास वज्रपात की संभावना है.

गोरखपुर में जमकर बरसे बादल, पश्चिमी यूपी में सूखा

मौसम विभाग के मुताबिक बीते चौबीस घंटे में पूर्वांचल में कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहा. इस दौरान राज्य के गोरखपुर मंडल में दिन के तापमान में काफी कमी दर्ज की गई. वहीं शेष मंडलों में दिन के तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ. राज्य के अयोध्या, लखनऊ, मुरादाबाद, मेरठ, मंडलों में दिन का तापमान सामान्य से अधिक 1.6 डिग्री से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया. शेष मंडलों में तापमान सामान्य रहा. राज्य में आगरा सबसे गर्मी वाला क्षेत्र रहा, यहां तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

रात के तापमान की स्थिति

इसके साथ ही रात के तापमान की बात करें तो पिछले चौबीस घंटे के दौरान राज्य के सभी मंडलों में तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ. इस दौरान कानपुर मंडल में तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री से 5.0 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. अयोध्या, प्रयागराज, लखनऊ और आगरा मंडलों में तापमान सामान से 1.6 डिग्री सेल्सियस से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. शेष सभी मंडलों में तापमान सामान्य रहा. राज्य में न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस मेरठ में दर्ज किया गया.

मौसम की ताजा स्थिति

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा गुलमर्ग, धर्मशाला, पंतनगर, इटावा, मुरैना, सवाई माधोपुर, जोधपुर, बाड़मेर और अक्षांश 25.7 डिग्री उत्तर और देशांतर 70.3 डिग्री पूर्व से होकर गुजरती रही है. जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, राजस्थान के शेष हिस्सों और कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं.

इसके साथ ही दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और आसपास के क्षेत्रों पर अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र अब उसी क्षेत्र पर निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में स्थित है. संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है. दक्षिणपूर्व झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल और उत्तरी आंतरिक ओडिशा के आसपास के क्षेत्रों पर अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण झारखंड और पड़ोस पर निम्न दबाव के रूप में स्थित है। संबद्ध चक्रवात परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है.

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