Lucknow News: यूपी को वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने निर्यात का दायरा बढ़ाने का निर्णय किया है. इसके लिए ऐसे देशों पर फोकस किया जा रहा है, जहां अभी यूपी से निर्यात काफी कम है. सरकार डेनमार्क, बेल्जियम, स्वीडन और सऊदी अरब जैसे कई देशों पर अब अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके.
यूपी सरकार निर्यात के लिहाज से कई देशों में नई संभावनाएं तलाश रही है. यूपी से अभी 174.03 करोड रुपए के सामान का निर्यात किया जाता है. योगी सरकार वर्ष 2025 तक इसे तीन लाख करोड़ रुपए ले जाने के प्रयास में है. ऐसे में 15 खास उत्पादों को 24 देशों में भेजने के लिए एक्शन प्लान बनाया गया है.
इसके लिए तय किया गया है कि निर्यात की अत्यधिक संभावना वाले उत्पादों के उत्पादन, मार्केटिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर एक साथ ध्यान दिया जाएगा. यूपी से बने स्पोर्ट्स सामान की मांग को देखते हुए इसका उत्पादन बढ़ाया जाएगा, जिससे विदेशों तक इसकी पहुंच बढ़ाई जा सके.
अभी इसकी यूपी से कुल निर्यात में हिस्सेदारी 0.68 प्रतिशत है. इसी तरह कांच और कांच के बने कलात्मक सामान की हिस्सेदारी महज 0.89 प्रतिशत है. इसके अलावा कपड़े, आयरन और स्टील मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और हस्तशिल्प निर्यात बढ़ाने के लिए खास रणनीति बनाई जा रही है.
योगी सरकार प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद के निर्यात के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर लखनऊ और सीतापुर में बना रही है. वहीं भदोही, मीरजापुर और सहारनपुर जनपद में भी ऐसे केंद्र बनाए जाएंगे. इसके अलावा लखनऊ में ट्रेड प्रमोशन सेंटर बनाने की 2017 करोड़ रुपए की योजना को केंद्र ने मंजूरी दे दी है.
अभी अमेरिका, जर्मनी समेत 10 देश ऐसे हैं, जिनकी यूपी के कुल निर्यात में हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है. इसलिए अब सरकार ने 24 ऐसे देश चयनित किए हैं जहां वर्तमान में यूपी से निर्यात बेहद कम है. लेकिन, अगर ध्यान दिया जाए और धरातल पर योजनाबद्ध तरीके से प्रयास हों, तो भविष्य में यूपी से निर्यात की संभावनाएं काफी है.
इसलिए अब कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड जैसे देशों में यूपी के उत्पादों की पहुंच बढ़ाने की तैयारी है. आने वाले समय में यहां यूपी से निर्यात में इजाफा देखने को मिल सकता है.