UPTET 2021: यूपीटीईटी 2021 की परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर पेपर आउट करने, सॉल्वर बैठाने और अन्य माध्यमों से नकल कराने वाले गिरोह के सदस्यों, सॉल्वरों एवं अभ्यर्थियों सहित कुल 29 लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. ये सभी लोग विभिन्न जनपदों से गिरफ्तार किये गये हैं.
#Update | A total of 29 members of the gangs involved in paper solving & leaking question paper, from different parts of the state and recovered the question papers, mobile, pen drive and notes: UP Police
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 28, 2021
यूपीटीईटी 28 नवंबर 2021 को प्रदेश के सभी 75 जिलों में 736 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में होनी थी. एसटीएफ की टीम ने प्रयागराज से 16 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. इसमें सॉल्वर गैंग का सरगना राजेंद्र पटेल भी शामिल है. राजेंद्र प्रतापगढ़ जिले के थाना रानीगंज अंतर्गत जयरामपुर गांव का रहने वाला है. अभियुक्तों के पास से 13 आधार कार्ड, 17 मोबाइल फोन, 11 प्रवेश पत्र, एक एटीएम, 7 पैन कार्ड, 2 ड्राइविंग लाइसेंस, 2 वोटर आईटी कार्ड, 1 कार, 1 मोटरसाइकिल, नकद 67 हजार 820 रुपये बरामद हुए.
Also Read: UPTET Exam 2021 Cancelled: बरेली में दिखी छात्रों की नाराजगी, अधिकारियों और शिक्षकों के समझाने पर लौटे घरपुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि इस गिरोह का संचालन राजेंद्र कुमार पटेल, नीरज शुक्ला, चतुर्भुज सिंह उपरोक्त के द्वारा किया जाता है. गैंग के सदस्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों से पैसा लेकर परीक्षा पास कराने, पेपर आउट कराने और सॉल्वर बैठाने का काम करते हैं. ये लोग नकल करके पास होने वाले जरूरतमंद अभ्यर्थियों की तलाश करते हैं और मूल अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर बैठाने का काम भी करते हैं. आता है. इस बार हम लोगों द्वारा प्रति अभ्यर्थी 2.5 से 3.5 लाख रुपये लिए गए हैं.
Also Read: क्या चुनावी शंखनाद से पहले यूपी में शुरू हो जाएगा फ्री लैपटॉप का वितरण? योगी सरकार की तैयारी जानिएअभियुक्तों के मुताबिक, केंद्र पर सेटिंग करने के साथ-साथ पेपर आउट कराकर परीक्षा केंद्रों पर मूल अभ्यर्थियों के पास नकल की पर्ची और नकल की अन्य सामग्री भिजवाने का भी काम करते हैं. साथ ही, ब्लूटूथ एवं अन्य डिवाइस के माध्यम से नकल कराने का भी प्रयास करते हैं. इसके एवज में हर पद/ परीक्षा के लिए अलग-अलग रेट से पैसे लिए जाते हैं. इसमें हमारा सॉल्वर भी होता है पेपर आउट कराने वाला भी होता है तथा फोटो मिक्सिंग कर फर्जी आधार कार्ड , फर्जी एडमिट कार्ड व अन्य आईडी तैयार करने वाला भी है. इस बार हम लोग यूपी के सॉल्वर के अलावा पांच सॉल्वर गया व पटना, बिहार से बुलाये थे. इसमें प्रत्येक सॉल्वर पर 20 से 25 हजार रुपये का खर्च आता है.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, टीईटी पेपर लीक के तार सचिवालय से जुड़े हैं. सचिवालय में संविदा पर तैनात कर्मचारी इस गिरोह का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है. इसके अलावा गिरफ्तार एक सदस्य के पास से सचिवालय के खाद्य एवं रसद विभाग का पहचान पत्र, पास व अन्य कागजात मिले हैं. एसटीएफ के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है.
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही की टीम ने चार लोगों को पकड़ा है. इसमें झांसी का अनुराग देश, अंबेडकरनगर का फौजदार वर्मा उर्फ विकास, अयोध्या कपासी का कौशलेंद्र प्रताप राय और झांसी का चंदू वर्मा शामिल है. अयोध्या के कौशलेंद्र राय के पास से टीम ने कई अहम दस्तावेज बरामद किये है, जिसमें सचिवालय का पास, खाद्य एवं रसद विभाग का पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल हैं.
Also Read: UP Election 2022: CM योगी के राज में पेपर लीक, यूपी के युवाओं की चिंता भी करेंगे आप?- चंद्रशेखर आजादएसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक कौशलेंद्र के पास से बरामद कागजात में ज्यादातर फर्जी हैं. उनको जांच के लिए भेज दिया गया है. कौशलेंद्र ने भी पूछताछ के दौरान यह बात कुबूल की है कि उसने खुद ही फर्जी तरीके से सचिवालय का पास व पहचान पत्र बनवाया था. उसने यह भी बताया कि सचिवालय में उसके कई जानने वाले हैं, उन्हीं के जरिए उसका वहां आना-जाना रहता है.
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, सचिवलाय पर संविंदा पर तैनात कर्मचारी गोमतीनगर विस्तार इलाके के खरगापुर में रहता है. उसकी तलाश में टीम ने दबिश दी, लेकिन वह घर पर नहीं मिला. कर्मचारी के मोबाइल को सर्विलांस पर लगा दिया गया है. वहीं उसके कुछ करीबियों से भी पूछताछ की जाएगी. एसटीएफ कर्मचारी के अब तक के पूरे कार्यकाल की जानकारी ले रही है.
एसटीएफ के मुुताबिक, टीईटी पेपर लीक करने में सबसे अहम भूमिका झांसी के ऋषि शर्मा ने निभाई. उसी ने सबसे पहले पेपर लीक किया. एसटीएफ ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन वह हाथ नहीं लगा. उसकी तलाश में एसटीएफ के अलावा स्थानीय पुलिस की टीमें भी दबिश दे रही है.
Also Read: Coronavirus News: तीसरी लहर का खतरा! यूपी आने वाले इन यात्रियों की होगी स्क्रीनिंग, आइसोलेशन की भी व्यवस्थापकड़े गये आरोपियों में कौशलेंद्र राय ने सचिवालय के नाम पर कई फर्जीवाड़े किये हैं. उसके पास से सचिवालय से जुड़े कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. बताया जा रहा है कि उसने सचिवालय के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है, जिसे दिखाकर वह फर्जीवाड़ा करता था. इस वाट्सएप ग्रुप में कई विभागों के अधिकारी व कर्मचारी के नंबर जुड़े हैं. एसटीएफ अब कौशलेंद्र के मोबाइल से मिले नंबरों की जांच पड़ताल कर रहे हैं कि इसमें से कितने नंबर सचिवालय से जुड़े है और जिनके नंबर हैं, वे किस पद पर तैनात हैं. इस व्हाट्सएप ग्रुप में कौशलेंद्र ने खुद का नंबर सहायक अधिकारी के नाम से सेव कर रखा है.