लखनऊ: गड्ढामुक्त सड़कें, एक्सप्रेस-वे का जाल, हाईवेज का निर्माण, बड़े शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, डिफेंस कॉरिडोर, इंटरनेशनल और डॉमेस्टिक एयरपोर्ट, ये सभी चीजें नए यूपी की पहचान बन गई हैं. 6 वर्षों में प्रदेश को इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों के साथ लाकर खड़ा कर दिया है. खासतौर पर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने मिशन के रूप में जो मुहिम चलाई है, उसी का नतीजा है कि लखनऊ में हुई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से उत्तर प्रदेश को 36 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं.
बेहतर कनेक्टिवटी के चलते पूर्वांचल और बुंदेलखंड को भी निवेश मिला है. गड्ढामुक्त सड़कें हों, या एक्सप्रेस-वे और हाईवे का निर्माण, फ्लाई ओवर हों या फिर मेट्रो और एयरपोर्ट का विकास, सभी क्षेत्रों में तरक्की हुई है. देश की राजधानी दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा पूर्वांचल और बुंदेलखंड में भी निवेश के बड़े उद्यमी आगे आए हैं. पूर्वांचल में 10 लाख करोड़ तो बुंदेलखंड में करीब 5 लाख करोड़ के निवेश के लिए प्रदेश सरकार ने एमओयू किए हैं. इससे इन क्षेत्रों में लाखों नौकरियों का सृजन होगा.
उत्तर प्रदेश जल्द ही 13 एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. वर्तमान में यहां 6 एक्सप्रेस-वे हैं. जिनकी कुल लंबाई 1225 किलोमीटर है. वहीं 7 अन्य एक्सप्रेस-वे पर कार्य चल रहा है. जिसकी कुल लंबाई 1974 किलोमीटर है. 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे शुरू हो चुका है. झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे व चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य चल रहा है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे डिफेंस कॉरिडोर परियोजना भी शुरू हो चुकी है. गोरखपुर पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण चल रहा है. गोरखपुर से बलिया होते हुए माझी घाट तक बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया है.
यूपी में 60 हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है. 17 हजार किलोमीटर से ज्यादा के मार्ग की विशेष मरम्मत हुई है. प्रदेश में 125 फ्लाईओवर और 80 अंतर्राज्यीय स्वागत द्वारों का निर्माण हो रहा है. 2941 किलोमीटर लंबे मार्गों का नव निर्माण एवं 2242 किमी मार्गों का चौड़ीकरण किया गया है. इसी क्रम में 70 नए राज्य मार्ग जिनकी लंबाई 5604 किमी है, 57 नए प्रमुख जिला मार्ग जिनकी लंबाई 2831 किमी है, घोषित किए गए हैं. 26 तहसील मुख्यालयों और 151 ब्लॉक मुख्यालयों को 2 लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा है. राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों एवं शहीदों के गांव तक मार्गों का निर्माण किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश 5 अंतर्राष्ट्रीय और 16 घरेलू हवाई अड्डों के साथ 21 एयरपोर्ट वाला इकलौता राज्य बनने जा रहा है. जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है. अयोध्या में भी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है. जो तीन महीने के अंदर संचालित हो जाएगा. कुशीनगर, वाराणसी और लखनऊ में पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं.
अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, सोनभद्र और श्रावस्ती में एयरपोर्ट के संचालन व प्रबंधन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से समझौता हो चुका है. प्रदेश के 80 गंतव्यों के लिए वायु सेवा की सुविधा उपलब्ध है. गोरखपुर से विभिन्न स्थानों के लिए 14 फ्लाइट्स तो प्रयागराज से 12 फ्लाइट्स संचालित हो रही हैं.
बरेली के बहेड़ी में मेगा फूड पार्क, नोएडा में 1000 एकड़ एकड़ भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी की स्थापना, अटल इंडस्ट्रियल मिशन की शुरुआत, यमुना एक्सप्रेसवे पर मेडिकल डिवाइस पार्क प्रगति पर है. 4 शहरों नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर में मेट्रो रेल सेवा शुरू की जा चुकी है. आगरा में मेट्रो का ट्रायल रन हो चुका है. गोरखपुर के लिए भी डीपीआर तैयार है. अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, मेरठ व शाहजहांपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 547 करोड़ की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 4007 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा चुका है.