बरेली : कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश की बरेली में मास्क नहीं पहनने पर एक महिला ने अपने बेटे पर पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने और अंगों पर कील ठोकने का आरोप लगाया है. महिला ने आरोप लगाया है कि तीन पुलिसकर्मियों ने उसके बेटे के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उसे ले गये.
थाना बारादरी क्षेत्रान्तर्गत एक युवक द्वारा पुलिसकर्मियों पर लगाये गये दुर्व्यवहार सम्बंधी आरोपों की जांच से पुष्टि नही होने के सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद बरेली की बाईट । #UPPolice @Uppolice @adgzonebareilly @igrangebareilly https://t.co/vs4Uz4xCId pic.twitter.com/mYi0m4qI7S
— Bareilly Police (@bareillypolice) May 26, 2021
महिला के मुताबिक, जब वह स्थानीय पुलिस चौकी पहुंची तो उसे बताया गया कि उसके बेटे को दूसरी स्थान पर ले जाया गया है. बाद में युवक के मिलने पर वह घायल पाया गया. साथ ही उसे मारा पीटा गया है. साथ ही हाथ और पैर मे कील ठोक दी गयी है. घटना बरेली के बारादरी इलाके की है और 24 मई की रात दस बजे की है. घटना बरेली के बारादरी इलाके में 24 मई की रात करीब 10 बजे की है.
महिला ने कहा है कि मेरे बेटा कचरा चुनता है. काम करने के बाद घर लौटने के दौरान पुलिस ने मास्क नहीं पहनने पर उसे रोका और डंडों से मारपीट कर घायल कर दिया. उसके कान से खून बह रहा है. महिला के मुताबिक, पुलिस चौकी में शिकायत करने पर बेटे को गिरफ्तार करने की धमकी दी गयी. उसके बाद महिला ने वरिष्ठ अधिकारियों से जांच का आग्रह किया
बारादरी थानाक्षेत्र की घटना के संबंध में एसएसपी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि 24 मई को लॉकडाउन के पालन में तैनात पुलिसकर्मी से शराब के नशे में युवक ने सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए खींचतान की. साथ ही गाली-गलौज और मारपीट कर जान से मारने की धमकी देकर भाग गया था.
अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गयी, लेकिन वह पकड़ा नहीं गया. षड्यंत्र के तहत 26 मई को वह हाथ और पैर में कील लगा कर मीडिया के सामने प्रस्तुत हुआ. प्रथम दृष्टया गिरफ्तारी से बचने के लिए उपरोक्त कृत्य किया जाना प्रतीत होता है.
अभियुक्त रंजीत पर इसके पूर्व भी मामले दर्ज किये जा चुके हैं. अभियुक्त शराब पीकर मंदिर की मूर्तियों को हथोड़े से तोड़ने का भी आरोपित है. मामले में स्थानीय लोगों ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा था. उक्त मामले में वह जेल जा चुका है. अदालत में पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किया जा चुका है, जो विचाराधीन है.