World Food Safety Day 2023: दुनिया में हर साल 7 जून को वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे (Food Safety Day) मनाया जाता है. इसका मकसद लोगों को खाने की गुणवत्ता के प्रति जागरूक करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक खराब खाने के कारण एक दिन में करीब 16 लाख लोग बीमार हो जाते हैं.
यूपी की बात करें तो दूध और उसके उत्पादों से लेकर हर खाद्य पदार्थों में मिलावट पकड़ी गई है. इसके अलावा एक्सपायरी डेट के बाद भी सामान बाजार में खपाया जाता है. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की 2018-19 की रिपोर्ट में यूपी में खाद्य पदार्थों की क्वालिटी सबसे ज्यादा असुरक्षित पाई जा चुकी है.
नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (NABL) की रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में एकत्र किए गए सैंपल में सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य पदार्थ उत्तर प्रदेश में मिले थे. यूपी में मिलावटी खाद्य पदार्थ सैंपल की दर 52.3 प्रतिशत थी. ऐसे में मिलावट के कारोबार का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसे में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की इस वर्ष की थीम है ‘खाद्य मानक जीवन बचाते हैं (Food standards save lives)’ प्रदेश के लिहाज से और भी अहम हो जाती है.
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चिकित्सकों के मुताबिक मिलावट ‘स्लो प्वाइजन’ के तौर पर लोगों को कई बीमारियों का शिकार बना रही है. डायरिया और कैंसर सहित करीब 200 बीमारियां ऐसी हैं, जो अनसेफ फूड की वजह से लोगों को होती हैं.
चिकित्सकों के मुताबिक मिलावटी खाने का पहला असर हमारी पाचन क्रिया पर पड़ता है. मुंह से लेकर बड़ी आंत में जलन महसूस होती है. सूजन से लेकर रक्तस्त्राव भी हो सकता है. साथ ही किडनी और लीवर पर असर पड़ता है. ऐसे में जागरूकता ही ऐसा उपाय है, जो खाद्य पदार्थों में मिलावट से होने वाले नुकसान से आपको बचा सकता है.
चिकित्सकों के मुताबिक इसी तरह एक्सपायर सामान सेहत के लिए हानिकारक है. इसमें बैक्टीरिया और फंगस हो जाते हैं. जैसे ही कोई एक्सपायरी सामान खाता है तो उसे फूड प्वाइजनिंग का खतरा रहता है. समय पर इलाज नहीं मिलने से हालत बिगड़ जाती है. एक्सपायरी सामान खाने से कैंसर का भी खतरा होता है.
दूध: दूध में यूरिया, वाशिंग पाउडर, पानी, स्टार्च आदि मिलाकर मिलावट की जाती है. इसलिए जांच के लिए लेक्टोमीटर से रीडिंग से मिलावट का पता लगाया जाता है. अगर रीडिंग 28 से 34 के बीच आए तो दूध शुद्ध है. 28 से कम रीडिंग आने पर पानी की मिलावट की गई है.
हालांकि रीडिंग बढ़ाने के लिए स्टार्च, शक्कर आदि भी मिला दिया जाता है. इसके लिए दूध में आयोडिन मिलाकर गर्म करें. दूध का नीला हो जाना स्टार्च मिलावट का संकेत है. यूरिया का पता करने के लिए परखनली में 5 मिलीमीटर दूध में दो बूंद एल्कोहोल मिलाएं. थोड़ी देर में दूध का रंग नीला होना यूरिया की मिलावट को दर्शाता है.
घी: एक परखली ट्यूब में पिघला हुआ घी और उसी मात्रा में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाने के बाद एक चुटकी चीनी मिलाएं. यदि लाल रंग की परत दिखाई देती है, ता ये मिलावट का संकेत है.
सरसों का तेल: सरसों के तेल की कुछ मात्रा ले और इसमें सांद्र नाइट्रिक अम्ल मिलाकर देखें. यदि थोड़ी देर बाद लाल-भूरे रंग की परत दिखाई दे, तो इसमें मिलावट की गई है.
आइसक्रीम: आइसक्रीम पर नींबू की कुछ बूंदे डालें और देखे यदि बुलबुले बनते हैं, तो वॉशिंग पाउडर की मिलावट की गई है.
चाय की पत्ती: चाय पत्ती को सफेद कागज पर रखकर रगड़ने पर मिलावटी रंग कागज पर लग जाता है. चाय पर चुम्बक फैराने से लोहे के मिलावटी तत्व का पता लगाया जा सकता है. कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में नींबू का रस डाल दें. इस पर कुछ चाय पत्ती डाल कर देखें, यदि रंग हरा-पीला दिखाई दे तो चाय में मिलावट नहीं है. दूसरा रंग आने पर मिलावट की संभावना है.
लाल मिर्च पाउडर: एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर लें, उसे पानी के गिलास में मिलाएं. यदि पानी लाल हो जाये तो मिलावट है. यदि ईंट का मिश्रण डाला है तो यह गिलास के तल पर बैठ जाएगा.
शहद: एक रुई के फाहे को माचिस से जलाएं और देखें यदि आग लग जाती है तो शहद शुद्ध है. आग नहीं लगने पर शहद मिलावटी है.