लखनऊ. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. भ्रष्टाचार में लिप्त खनन विभाग के पांच अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं तीन को मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है. निदेशालय को प्रदेश के कुछ मुख्य जनपदों में अवैध खनन के परिवहन की शिकायत मिली थी. निदेशालय ने टीम गठित कर वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, मीरजापुर और झांसी में छापेमारी की. इस दौरान 29 वाहन खनिजों का अवैध परिवहन करते हुए पकड़े गए. वहीं बड़ी संख्या में वाहनों को सीज करते हुए जुर्माना वसूला गया.
योगी सरकार ने गोरखपुर, गाजीपुर, बागपत के खान अधिकारियों के निलंबित कर दिया है. सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म डॉ. रोशन जैकब के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगातार अवैध बालू और मोरंग खनन की शिकायतें मिल रही थीं. इस पर गोंडा, गोरखपुरख् गाजीपुर, बागपत, श्रावस्ती, रामपुर, महाराजगंज एवं झांसी में लगभग 45 क्षेत्रों में निदेशालय की टीम ने जांच की. जिन जगहों पर अवैध खनन पाया गया, वहां पर खनिज परिवहन पर रोक लगा दी गई.
इसके साथ ही इनमें संलिप्त गोरखपुर के वरिष्ठ खान अधिकारी, गाजीपुर एवं बागपत के खान अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसके अलावा गोंडा में बालू के अवैध खनन पर खान निरीक्षक को निलंबित किया गया. इस दौरान बिना आईएसटीपी के खनिज का परिवहन मिलने पर उसे सीज करते हुए सम्पूर्ण खनिज की रायल्टी, खनिज मूल्य समेत पेनाल्टी वसूलने के निर्देश दिए गए है. जानकारी के अनुसार चेकिंग के दौरान कई वाहनों में नंबर प्लेट नहीं मिलीं और कुछ में नंबर प्लेट से छेड़छाड़ की गई थी.
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वहीं उत्तर प्रदेश भूविज्ञान एवं खनन विभाग की सचिव/निदेशक रोशन जैकब ने कहा कि खनन विभाग अवैध खनन, खनिजों के अवैध परिवहन और खनिजों के परिवहन करने वाले ट्रकों की ओवरलोडिंग की जांच के लिए राज्यव्यापी अभियान चला रही है. जो भी कर्मचारी-अधिकारी संलिप्त पाए जाएंगे, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी.