Lucknow: प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा करने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार में अपराधियों के बीच खाकी का खौफ देखने को मिला है. ऐसा नहीं है कि राज्य में आपराधिक वारदातें पूरी तरह से थम गई हैं. लेकिन, जिस तरह से लगातार एनकाउंटर हो रहे हैं, उससे अपराधियों के हौसले जरूर पस्त हुए हैं.
योगी सरकार में अपराधियों में एनकाउंटर का बड़ा खौफ है. ताजा मामलों में जहां माफिया अतीक अहमद प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल हत्याकांड के बाद गुजरात से यूपी नहीं आने के लिए कोर्ट में गुहार लगा रहा है, तो वहीं कई अपराधी थानों में जाकर खुद आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में पिछले छह वर्षों में 10,713 पुलिस एनकाउंटर किए गए हैं.
राज्य सरकार के आधिकारिक बयान के मुताबिक जो राज्य कभी खराब कानून व्यवस्था और निर्दोष लोगों पर माफियाओं के अत्याचार के लिए जाना जाता था, वह आज न केवल देश में बल्कि विदेशों में ‘अपराध और भयमुक्त राज्य’ के रूप में जाना जाता है.
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सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में 2017 में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पुलिस ने 178 इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया है. इन पर 75000 रुपये से लेकर 500000 रुपये तक का इनाम था. आंकड़ों के लिहाज कि पुलिस ने हर 13 दिन में एक इनामी को एनकाउंटर में मार गिराया है. यही नहीं एनकाउंटर के दौरान 23 हजार से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार भी किए गए हैं. यह आंकड़ा बीते 6 साल का है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक इन एनकाउंटर के दौरान पुलिस के 15 जवान शहीद भी हुए हैं और करीब 1400 घायल हुए हैं.
राज्य सरकार के मुताबिक मुठभेड़ों की संख्या के मामले में 2017 के बाद से सबसे अधिक 3,152 मुठभेड़ों के साथ मेरठ पूरे प्रदेश में टॉप पर है, जिसमें 63 अपराधी मारे गए और 1708 अपराधी घायल हुए. इसी दौरान, मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी भी शहीद हो गया, जबकि 401 पुलिसकर्मी घायल हो गए. उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई के दौरान कुल 5,967 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया.
इसके बाद आगरा पुलिस के साथ 1844 मुठभेड़ हुई, जिसमें 4654 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 14 कुख्यात अपराधी मारे गए और 55 पुलिस वाले घायल हुए. इसके बाद बरेली जहां 1497 मुठभेड़ हुई, जिसमें 3410 अपराधी गिरफ्तार किए गए, जबकि 7 की मौत हो गई। बरेली में मुठभेड़ के दौरान 437 अपराधी घायल हुए। इन एनकाउंटर के दौरान 296 बहादुर पुलिस कर्मी घायल हुए, जबकि एक शहीद हो गया.
उधर समाजवादी पार्टी पुलिस मुठभेड़ और राज्य की कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल खड़े कर रही है. पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव जहां अतीक अहमद के बेटों के एनकाउंटर का अंदेशा जताकर हाल ही में सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं, वहीं राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी दावा करते हैं कि हकीकत में भाजपा के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के तहत कानून व्यवस्था पहले से कहीं ज्यादा खराब हुई है. उन्होंने एनकाउंटर के ताजा आंकड़ों को सरकार का केवल प्रचार करार दिया और कहा कि ये केवल आंकड़ेबाजी है.