Lucknow: यूपी विधानभवन बुधवार को एक ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनेगा. यहां तिलक हॉल में प्रदेश भर के राजा महाराजाओं का दरबार लगेगा. इसमें प्रदेश में स्थित सभी किलों, महलों के राजा महाराजा एवं उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे. ये वो लोग हैं जो प्रदेश भर में स्थित किलों का मालिकाना हक रखते हैं. प्रदेश में हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने ये बड़ी पहल की है. इसके तहत पड़ोसी राज्य राजस्थान के तर्ज पर यूपी के किलों को भव्य आयोजनों के लिए तैयार किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन एवं संस्कृति विभाग ने योजना तैयार की है.
राजस्थान के किलों में फिल्म, खेल जगत, औद्योगिक घरानों के भव्य आयोजनों से लेकर शाही शादी आम बात है. इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है, साथ ही स्थानीय स्तर पर भी लोगों को रोजगार के लिहाज से लाभ मिलता है. अब यूपी के किलों में भी हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इसी तर्ज पर भव्य आयोजन की तैयारी है. विधानभवन के तिलक हॉल में बुधवार को इसे लेकर अहम बैठक होगी.
इस बैठक में पुराने किलों को पीपीपी माॅडल पर जीर्णोद्धार कर पर्यटन के लिए उपयोगी बनाने के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा. निवेश के इच्छुक निवेशक भी इसमें शामिल होंगे. देश भर से खासकर राजस्थान से भी विशेषज्ञों को बुलाया गया है. पर्यटन विभाग के अफसर इसमें शामिल होंगे. प्रदेश में बड़ी संख्या में किले, महल एवं गढ़ी मौजूद हैं।
विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह समेत कई ऐसे नामचीन लोग इसमे शामिल होंगे जिनके पास किले का मालिकाना हक है. प्रदेश में बड़ी संख्या में किले, महल एवं गढ़ी मौजूद हैं. अकेले बुन्देलखण्ड में 31 किले अस्तित्व में हैं.
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पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के मुताबिक इस कार्यक्रम का आयोजन पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की ओर से किया जा रहा है. राजाओं की संपत्तियों का उपयोग लोकहित, जनहित और प्रदेश के पर्यटन के विकास के लिए किया जाएगा. प्रदेश का राजस्व बढ़ाने और टूरिज्म के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा. बैठक में विधान परिषद के सभापति समेत निवेशक तथा विशेषज्ञ भाग लेंगे.
राजस्थान में जिस तरह से किलों का सदुपयोग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने उस समय जो निर्णय किया था, आज राजस्थान का पर्यटन क्षेत्र राजाओं की संपत्तियों पर चल रहा है और देश का अग्रणी टूरिज्म क्षेत्र बन कर उभरा. अब यूपी के किलों को भी राजस्थान की तर्ज पर जीर्णोद्धार कर यहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करने आए थे, तब उन्होंने कहा था कि बुंदेलखंड के विकास में किलों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. तभी हमने फैसला किया था कि जो किले हैं, खासतौर से बुंदेलखंड के उनको पीपीपी के हिसाब से डेवलप करा कर हेरिटेज टूरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा.
इसी कड़ी में किलों के मालिकों, तत्कालीन राजा महाराजा सभी को आमंत्रित कर उन के बीच में निवेशकों को बुलाया गया है. इस दौरान विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे. जिन निवेशकों ने इन किलों में अपना रुझान दिखाया है, वह बैठक के दौरान अपनी राय रखेंगे, जिससे आगे की भूमिका तैयार हो सकेगी.
दरअसल विदेशी मेहमानों की पहली पसंद किले रहते हैं. वह जब खुद को किलों में पाते हैं तो उन्हें एक अलग एहसास होता है. इसी तरह बड़े-बड़े उद्योगपतियों के परिवार के सदस्यों, फिल्म हस्तियों की शादियां राजस्थान के किलों में होती हैं. यूपी में भी इसी तरह के भव्य आयोजन हो सकें, इसके लिए इन्हें पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा. इस तरह हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही राज्य में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी देखने को मिलेगी.