Lucknow News: उत्तर प्रदेश में पांच एक्सप्रेसवे के किनारे 32 औद्योगिक शहर आने वाले दिनों में यूपी के औद्योगिक विकास को नई गति देते नजर आएंगे. योगी सरकार ने इसका खाका तैयार कर लिया है. इसके लिए तीन एक्सप्रेसवे से संबंधित 23 जनपदों के 80 से अधिक गांवों को चयन कर लिया गया है. अब इन चिह्नित गांवों में जमीन खरीदने की तैयारी है, जिससे औद्योगिक शहरों की बुनियाद रखी जा सके. यह औद्योगिक शहर पूरे देश में यूपी की नई पहचान बनेंगे इससे उत्तर प्रदेश की औद्योगिक गतिविधियों को जहां रफ्तार मिलेगी, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी उछाल आएगा. योगी आदित्यनाथ इन औद्योगिक शहरों के जरिए अपना वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करने की योजना बना रही है. सरकार को इससे बेहद उम्मीदे हैं. ये प्रोजेक्ट पूरा होने पर यूपी की आर्थिक तस्वीर बदल देगा. योगी सरकार के इस अहम प्रोजेक्ट को लेकर औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव अनिल सागर ने तीन एक्सप्रेसवे के 23 जनपदों की 23 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 80 से अधिक गांवों को औद्योगिक शहर के लिए अधिसूचित कर दिया है. इसके बाद उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण इन गांवों में जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू करेगा. यूपीडा आम सहमति से ग्रामीणों की जमीन खरीदने का प्रयास करेगा, जिससे इस लक्ष्य का जल्द से जल्द पूरा किया जा सके.
बताया जा रहा है कि हर औद्योगिक शहर के लिए 100 एकड़ से 600 एकड़ तक की जमीन ली जाएगी. इस तरह ये बेहद बड़ा प्रोजेक्ट होगा. अधिकारियों के मुताबिक इसके बाद जल्द ही आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक शहर के लिए गांव अधिसूचित किए जाएंगे. योगी सरकार इन औद्योगिक शहरों के लिए बजट में भी इंतजाम करेगी, जिससे किसी प्रकार की आर्थिक दिक्कत नहीं हो. बताया जा रहा है कि यूपीडा जमीन अधिग्रहण करने के बाद यहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम करेगी. इसके बाद निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.
निवेशक अपनी मनपसंद जमीन का चयन कर उसे पर उद्योग लगा सकेंगे. बताया जा रहा है कि वेयरहाउस और लॉजिस्टिक उद्योगों को प्राथमिकता के आधार पर बढ़ावा दिया जाएगा. इन औद्योगिक शहरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, होजरी, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, रसायन, कृषि उपज, दवा, मशीनी संयंत्र, दुग्ध प्रसंस्करण, आईटी आदि इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा.
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीहरी प्रताप शाही के मुताबिक एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक शहरों के विकसित होने से माल परिवहन काफी तेजी से होगा. विशेषज्ञों के मुताबिक इससे एक जनपद का उत्पाद दूसरी जगह वर्तमान की तुलना में और कम समय में पहुंच सकेगा. इससे स्थानीय स्तर पर कारोबारियों का काफी लाभ मिलेगा. इससे प्रदेश सरकार के एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा, उनकी कनेक्टिविटी अन्य जिलों में बेहद अच्छी होगी. यूपी की अर्थव्यवस्था को नई गति और दिशा देने में भी ये प्रोजेक्ट मददगार होगा.
कर्वी-चित्रकूट गोंडा अकबरपुर, पहरा, बांदा सदर- बांदा के महोखर, जमालपुर, बरगहनी, हमीरपुर राठ के इंगुही, धनौरी, महोबा सदर के खन्ना, जालौन की उरई तहसील के कुसमिलिया, डकोर, टिमरो और औरैया के निगड़ा और मिहौली.
लखनऊ की मोहनलालगंज तहसील के कासिमपुर बिरुहा व चांदसराय, बाराबंकी हैदरगढ़ के बमरौली, सतरही घरकुईया, पिछारूआ, बहरामपुर, अंदऊमऊ, अमेठी मुसाफिरखाना के सेवरा, हुसेनपुर, सिंधियावां, ऊंचगांव, सुल्तानपुर की जयसिंहपुर तहसील के कारेबन, महमूद सेमरी, लठवा, कल्यानपुर, विशुनदासपुर, चांदपुर, चिरानेडीह, सवई, अमिलिया सिकरा, सेमरी, गाजीपुर की मुहम्मदाबाद तहसील के चकबाला, चकडुमरिया, अवथही बसंत, बाघौरी टी सोनारी, चकभिखू, महेशपुर, मच्छटी, सोनाडी, चकफातमा, चक गिरधरिया, भोपतपुर सोनारी, जगदीश पुर टी महती, अबेडकरनगर के जगदीशपुर, खानजहांपुर, बेवाना व मुसलिमपुर.
मेरठ की तहसील मेरठ सदर के बजौली, खरखौदा, -हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर के मैना सदरपुर, चुचावली, वहापुर ठेरा, अमरोहा की हसनपुर तहसील के मंगरौला, रुस्तमपुर खादर, दौलतपुर कलों, संभल की सदर संभल तहसील के खिरनी मोहिउउ्दीनपुर, बसला, अझरा, बदायूं की सदर बदायूं तहसील के औरंगाबाद माफी, घटपुरी, शाहजहांपुर की जलालाबाद का गुलड़िया, हरदोई की सवायजपुर तहसील के कौशिया, सरसई, दिवनियापुर सरसई, सेमरझोला, उन्नाव सदर तहसील के मुर्तजानगर, सौनिक सराय कटियान, रायबरेली की डलमऊ तहसील के ऐरहार रनमऊ सुल्तानुपर जाला, प्रतापगढ़ कुंडा के गुजवर व प्रतापपुर चेरगढ़, प्रयागराज के सोरांव तहसील के माधोपुर मलाक चेतुरी, शिवगढ़, जूडापुर डांडू व बारी.