पटना. भाजपा नेता गजेंद्र झा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की जुबान काटने वाले को 11 लाख देने संबंधी बयान पर उन्हें 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को भी कहा गया है.
इस संबंध में मधुबनी के भाजपा जिलाध्यक्ष शंकर झा ने बताया कि जीतन राम मांझी के संदर्भ में गजेंद्र झा का बयान अमर्यादित है और पार्टी अनुशासन के विपरीत है. इस कारण उन पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की गई है.
हालांकि, अब भी गजेंद्र झा अपने बयान पर टिके हुए हैं. उन्होंने कहा कि मैं अपने बयान पर अडिग हूं. मुझे कोई डर नहीं कि पार्टी मेरे खिलाफ एक्शन लेगी. मैं भाजपा नेता से पहले ब्राह्मण हूं. जीतन राम मांझी ने जो कहा है, उसके लिए पहले वो माफी मांगे.
भाजपा नेता ने कहा कि राम का अपमान करने वाले जीतन राम मांझी को अगर राम में विश्वास नहीं तो सबसे पहले जीतन के बाद ‘राम’ लगाने वाले को खोजें. उन्होंने हिंदुओं का अपमान किया है. दरअसल, उनकी मीडिया में बने रहने की आदत है. वो चर्चा का विषय बनना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने ऐसा कहा है.
गजेंद्र झा भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं. उन्होंने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उक्त बातें कही थीं. उनके इस बयान के बाद पार्टी ने कार्रवाई करते हुए बाहर का रास्ता दिखाया है.
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी नेता गजेंद्र झा ने कहा था कि पंडितों ते खिलाफ बोलने वाले जीतन राम मांझी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. साथ ही जिंदगी भर उसका भरण पोषण किया जाएगा. हालांकि, उनके इस बयान पर हम में कड़ी आपत्ति जताई है.
पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने खुले तौर पर कहा है कि किसकी मां ने दूध पिलाया है जो मांझी जी का जीभ काट ले. भाजपा नेतृत्व अपने नेताओं को संभाले, नहीं तो परिणाम बुरे होंगे. मांझी ने जब खेद प्रकट कर दिया तो फिर मामले को तूल देना ठीक नहीं है.
Posted by Ashish Jha