मुंबई : देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई में आतंकी हमले के शुक्रवार को 13 साल पूरे हो गए हैं. 26 नवंबर (26/11) 2008 को समुद्र के रास्ते प्रवेश कर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई के ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस समेत कई जगहों पर ताबड़तोड़ घंटों गोलियां बरसाकर 160 से अधिक लोगों को शहीद कर दिया था, जिससे भारत समेत पुरी दुनिया दहल गई थी. इस हमले में जिंदा पकड़े गए एकमात्र पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब के पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया था. आरोप है कि पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब से अहम सबूत के तौर पर जब्त मोबाइल फोन को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने नष्ट कर दिया था. इस समय परमबीर सिंह गोरेगांव जबरन वसूली मामले में जांच का सामना कर रहे हैं.
भारत के सरकारी समाचार एजेंसी भाषा की ओर से दी गई एक खबर के अनुसार, मुंबई में रिटायर्ड सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) शमशेर खान पठान ने दावा किया है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 26/11 आतंकी हमले के दोषी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब से जब्त किए गए मोबाइल फोन को ‘नष्ट’ कर दिया था. रिटायर्ड एसीपी शमशेर खान पठान ने जुलाई में मुंबई पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत में पूरे मामले की जांच कराए जाने और पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की थी.रिटायर्ड एसीपी शमशेर खान पठान ने करीब चार महीने पहले ये शिकायत दी थी.
हालांकि, गोरेगांव जबरन वसूली मामले में गुरुवार को पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश होने के बीच ये शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. परमबीर सिंह को इस साल मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाया गया था और उनके स्थान पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले को पुलिस आयुक्त बनाया गया था.
अपनी शिकायत में रिटायर्ड शमशेर खान पठान ने कहा है कि मुंबई के डीबी मार्ग थाने के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक एनआर माली ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को सूचना दिया था कि माली ने पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब के पास से एक मोबाइल फोन जब्त किया है और फोन को कांबले नाम के कांस्टेबल को सौंप दिया गया है.
शमशेर खान पठान ने आरोप लगाया है कि आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के तत्कालीन डीआईजी परमबीर सिंह ने कांबले नामक कांस्टेबल से मोबाइल फोन ले लिया था. पठान ने शिकायत में दावा किया है कि मोबाइल फोन आतंकी हमले के जांच अधिकारी रमेश महाले को सौंपा जाना चाहिए था, लेकिन परमबीर सिंह ने ‘साक्ष्य के महत्वपूर्ण टुकड़े को नष्ट कर दिया.
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हालांकि, रिटायर्ड एसीपी शमशेर खान पठान की शिकायत में लगाए गए आरोप पर अभी तक पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने कोई टिप्पणी नहीं दी है. पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को 13 साल पहले 26 नवंबर 2008 को मुंबई में कई जगहों पर हुए आतंकी हमले के दौरान जिंदा पकड़ा गया था. मुंबई में हुए इस आतंकी हमले से भारत समेत पूरी दुनिया दहल गई थी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से उसकी मौत की सजा की सुनवाई और पुष्टि के बाद नवंबर 2012 में फांसी दे दी गई थी.