देश में कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र के मुंबई में फर्जीवाड़ा का मामला सामना आया है, जहां बाएमसी ने 451 कोरोना के मरीजों के मौत की जानकारी नहीं दी. जब राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर डोटा का मिलान किया तब जाकर यह बात सामने आई है. सोमवार तक के आंकड़े के मुताबिक मुंबई में अब तक 59293 संक्रमण के मामले सामने आए हैं.
जबकि इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या 2250 है. जबकि अगर हम पूरे राज्य की बात करें तो इससे संक्रमित लोगों की संख्या 1.10 हजार और मौत की संख्या 4128 है. बीएमसी ने राज्य सरकार को बताया है कि 451 में से 3 लोगों की मौत की वजह कुछ और है. डेटा में 20 अन्य लोगों के नाम में दोहराव था. यानी कि इस लिस्ट में दूसरे मरीजों के नाम भी शामिल थे. अधिकारियों के मुताबिक बीएमसी ने 451 में से 57 का चौंकाने वाले तरीके से मृत्यु के रूप में दर्ज किया है, इसका खुलासा तब हुआ जब राज्य सरकार ने बीएमसी को स्पष्ट आंकड़े के साथ आने को कहा. जबकि 371 लोगों की मौत की रिपोर्टिंग अपभी भी पेंडिंग है.
बता दें कि मुंबई में अभी मौजूदा मृत्यु दर 3.7 फीसदी है, जो औसत मृत्यु डर से 2.7 से अधिक है, अंदेशा जताया जा रहा है कि अभी मृत्यु और भी बढ़ सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि icmr के पोर्टल पर कोविड- 19 के आंकड़ों का मिलान किया तब जाकर यह विसंगति सामने आई है. 6 जून तक इस तरह के सारे कवायद पूरे कर लिए गए. इसमें सभी मामले का पूर्ण विश्लेषण किया गया जिसमें दोहराव वाले नाम हटा दिए गए हैं. इनमें उन मरीजों को भी शामिल किया गया जो अब तक इस बीमारी से संक्रमित हैं, और जिन लोगों की कोरोना से मौत हो गयी है.
इससे पहले राज्य के मुख्य स्वास्थ्य सचिव ने कहा था कि 15 जून तक सभी डेटा को शाम 5 बजे तक अपडेट करें. पत्र में यह भी कहा गया था कि गर कोई डेटा बेमेल हुआ तो इस मामले पर संज्ञान लिया जाएगा.
आईसाएमआर के दिशा निर्देशों के मुताबिक किसी कोरोना मरीजों के मौत की संख्या को कोविड- 19 से मौत का वजह को अधिसूचित करना अनिवार्य है. जब तक कि मरीजों कोई दूसरी बीमारी न हो.
Posted By : Sameer Oraon