मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra News) को हिला देने वाले सीरियल किलिंग (Serial Killing) केस में बंबई हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने दो बहनों को बड़ी राहत दी है. बंबई हाईकोर्ट ने रेणुका शिंदे (Renuka Shinde) और सीमा गावित (Seema Gavit) की उम्रकैद की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. रेणुका शिंदे और सीमा गावित कोल्हापुर (Kolhapur) की रहने वाली हैं और दोनों बहनें हैं. इन्होंने मिलकर 13 बच्चों का अपहरण किया और उनमें से 9 की हत्या कर दी.
ये हत्याएं वर्ष 1990 से 1996 के बीच हुईं. 9 बच्चों की हत्या के इस जघन्य अपराध के लिए कोर्ट ने रेणुका शिंदे और सीमा गावित को सजा-ए-मौत दी थी. दोनों बहनों ने अपनी सजा माफ करने के लिए दया याचिका दाखिल की. उनकी दया याचिका पर 7 साल तक फैसला नहीं हुआ. चूंकि इनकी दया याचिका पर फैसले में देरी हुई, बंबई हाईकोर्ट ने मंगलवार को दोनों बहनों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दी.
बंबई हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने साफ कर दिया है कि दया याचिका पर फैसले में देरी की वजह से इन दोनों बहनों की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया गया है. बंबई हाईकोर्ट के दो जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. जस्टिस नितिन जामदार (Justice Nitin Jamdar) और जस्टिस सारंग कोटवाल (Justice Sarang Kotwal) ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों ने इनकी दया याचिका पर निर्णय लेने में देरी की. इसलिए दोनों बहनों की सजा को वे बदल रहे हैं.
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खंडपीठ ने कहा कि सरकारी मशीनरी ने इस मामले में शिथिलता और उदासीनता बरती. इसलिए उन्होंने दया याचिका पर फैसला लेने में कैजुअल अप्रोच दिखाया. फलस्वरूप इतने दिनों बाद भी इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया. दो जजों की इस बेंच ने इन दोनों बहनों की रिहाई का फैसला महाराष्ट्र सरकार पर छोड़ दिया है. कहा है कि 25 साल से जेल में बंद इन दोनों बहनों को छोड़ा जाये या नहीं, इस पर राज्य सरकार फैसला ले.
Bombay High Court commutes death sentence of Renuka Shinde and Seema Gavit of Kolhapur, who kidnapped 13 children and killed 9 out of them between 1990-96, to life term. The Court commuted their sentence based on the grounds of delay in deciding their mercy petitions.
— ANI (@ANI) January 18, 2022
ज्ञात हो कि एक बार रेणुका के पति ने बताया था कि एक बार उसकी पत्नी घर पर यह गिन रही थी कि उसने कितने बच्चों की हत्या की. बताया जाता है कि रेणुका शिंदे, सीमा गावित और इन दोनों बहनों की मां अंजनाबाई गावित ने मिलकर 42 बच्चों की हत्या की थी. जैसे ही इसका खुलासा हुआ, पूरा महाराष्ट्र हिल उठा था. इससे पहले कभी भी इतने बड़े स्तर पर हत्या का मामला सामने नहीं आया था.
सीरियल किलिंग का यह केस भारत ही नहीं, दुनिया के सबसे खतरनाक एवं दर्दनाक मामलों में एक था. हालांकि, पुलिस और सीआईडी को इस मामले में बहुत ज्यादा सबूत नहीं मिले. सीआईडी किडनैपिंग के मात्र 13 और इनमें से 6 हत्याओं के सबूत ही जुटा पायी थी. बाद में कोर्ट में अंजनाबाई गावित और उनकी दो बेटियों रेणुका शिंदे और सीमा गावित का अपराध साबित हो गया. इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
वर्ष 1998 में रेणुका और सीमा की मां अंजनाबाई गावित (Anjanabai Gavit) की मां का निधन हो गया. रेणुका और सीमा उसके बाद भी जेल में बंद रहीं. अब उन दोनों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है. साथ ही महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt) को यह अधिकार दे दिया है कि अगर वह चाहे, तो जघन्य अपराध की इन आरोपी बहनों को रिहा कर सकती है.
Posted By: Mithilesh Jha