कोल्हापुर में कुछ हिंदू संगठन विवादित व्हाट्सएप स्टेटस का विरोध कर रहे थे. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग आक्रामक हो गये और दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ा और शांति बहाल करने की कोशिश की. स्थिति जब नियंत्रण में नहीं आयी, तो उसके बाद पुलिस ने पहले आंसू गैस छोड़ा और फिर लाठीचार्ज किया. गौरतलब है कि सोशल मीडिया पोस्ट के बाद शहर में तनाव की स्थिति थी और कुछ संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किया गया था.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इंटरनेट सेवा बंद करने के लिए एक प्रस्ताव प्रशासन के पास भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि बुधवार की दोपहर से बृहस्पतिवार की शाम तक या स्थिति के आधार पर इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किया जाये. उन्होंने कहा कि राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के कर्मियों को शहर में तैनात किया गया है जबकि पुलिस ने सतारा से और पुलिस बल की मांग की है. अधिकारी ने कहा कि 19 जून तक निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया हैं और पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया. अधिकारी ने बताया कि और प्रदर्शन होने के बाद पुलिस ने शाम को एक और प्राथमिकी दर्ज की तथा सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
जानकारी के अनुसार तीन लड़कों ने औरंगजेब की तारीफ करते हुए और दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले पोस्ट अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर डाले थे, जो वायरल हो गया था. उसके बाद कुछ हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. उनकी मांग है कि नफरत फैलाने वालों कोे बख्शा नहीं जाना चाहिए.
इस मसले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्रदेश में कानून -व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी सरकार की है. मैं जनता से अपील करता हूं कि वे शांति बनाये रखें, इस मामले में पुलिस जांच जारी है और दोषियों को सजा मिलेगी. वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जायेगी. हां औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा.
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