देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से कोरोना के नए मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है, वह बहुत ही भयावह तस्वीर पेश करता है. हालांकि, स्वास्थ्यकर्मी और सभी एजेंसियां कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जी-जान से जुटी हुई हैं, लेकिन उसके बावजूद भी जिस तरह से नए मामले सामने आए हैं, वह अच्छे संकेत नहीं हैं. गौरतलब है कि गुरुवार को राज्य में एक दिन में कोरोना वायरस के 229 केस सामने आए, जबकि 25 लोगों की मौत हो गयी. इसके साथ ही महाराष्ट्र में इस जानलेवा वायरस के अब तक 1364 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. वहीं 97 लोगों की मौत हो चुकी है.
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ऐसे में ग्लोबल ट्रेंड ये बता रहा है कि अगर अगले पांच या छह दिन हमने हालात पर नियंत्रण बनाए रखा तो हमारी जीत निश्चित है. हालांकि, यदि यह प्रकोप अगले 10 दिनों तक बढ़ता ही रहा तो हमे इटली या न्यूयॉर्क जैसे हालात भी देखने पड़ सकते हैं. न्यूयॉर्क वो अमेरिका को वो शहर है जहां कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं.
मुंबई समेत पूरा महाराष्ट्र इस वक्त कोरोना वायरस के भयंकर चपेट में है. देश में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव लोग यहीं हैं और उसमें भी मुंबई सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है. मृतकों की तादाद भी यहां सबसे ज्यादा है. बुधवार को राज्य में 150 केस और 18 की मौत का आंकड़ा सामने आया था. वहीं गुरुवार को एक कदम आगे बढ़ते हुए कोरोना का रिकॉर्ड स्थापित कर लिया. पॉजिटिव केस बढ़ने का जो दर बुधवार को 6.2 प्रतिशत था, वह गुरुवार को 7.1 प्रतिशत हो गया. महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने हालात के चुनौतीपूर्ण होने की बात कही है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े लोग यह उम्मीद कर रहे हैं कि अगले हफ्ते से संक्रमण के मामलों में कमी आनी शुरू हो जाएगी. हालांकि, उनकी बातों से एक चिंताजनक चेतावनी भी जाहिर हो रही है. मसलन, स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा है, ‘अब तक के ग्लोबल ट्रेंड्स और बीमारी के प्रकोप को देखें तो हम कह सकते हैं कि मुंबई में अगले पांच-छह दिनों में 200 से 300 नए मामले आने संभव हैं. हम उसके लिए तैयार हैं, लेकिन उम्मीद करते हैं कि 6 दिनों के बाद संख्या में कमी आने लगेगी. हालांकि, यदि यह प्रकोप अगले 10 दिनों तक बढ़ता ही रहा तो हमे इटली या न्यूयॉर्क जैसे हालात भी देखने पड़ सकते हैं.
चिंता की बात ये है कि दो हफ्ते पहले ही रोजाना गिनती के केस ही आ रहे थे, लेकिन फिर संख्या में तेजी से इजाफा होना शुरू हो गया. हालात के मद्देनजर बीएमसी ने टेस्टिंग की संख्या भी बहुत बढ़ा दी है और आज की तारीख में रोजाना 1,500 टेस्ट हो रहे हैं.बीएमसी ने न केवल हॉटस्पॉट में टेस्ट शुरू करवाए हैं, बल्कि हर वार्ड में जिसे भी खांसी, सर्दी या बुखार की शिकायत है उसे चेक किया जा रहा है. राज्य सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक पहले के मामले राज्य में अधिकतर सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और पश्चिमी एशियाई देशों से आने वालों के थे, जो कोरंटाइन में भेजने वाली केंद्र की सूची में नहीं थे.
पिछले कुछ दिनों में जो मामले बढ़े हैं, उसमें दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज का बहुत बड़ा रोल है, खास कर एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी उसका सबसे बड़ा उदाहरण है. मुश्किल ये है कि झुग्गी में कोरोना के फैलाव को रोकना बहुत ही चुनौती वाला काम है. दिक्कत ये है मुंबई में सिर्फ धारावी झुग्गी में ही कोरोना नहीं फैला है, बल्कि बांद्रा ईस्ट की झुग्गियों में भी यह पहुंचा हुआ है. इसी के मद्देनजर मुंबई में मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ सख्ती के निर्देश दिए गए हैं. मुंबई ही नहीं पुणे की भी स्थिति विस्फोटक है.
30 हजार 766 लैब सैंपल में से 28 हजार 865 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. गुरुवार तक 1364 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. ठीक होने के बाद 125 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं 35 हजार 533 लोगों को होम कोरेंटाइन किया गया है, जबकि 4731 लोग इंस्टिट्यूशनल कोरेंटाइन हैं.