मुंबई : उत्तर प्रदेश के नोएडा में ट्विन टावर को गिरा दिए जाने के बाद अब भारत की औद्योगिक राजधानी मुंबई की ऊंची इमारतों पर खतरा मंडराने लगा है. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा के नेता किरीट सोमैया ने मुंबई की ऊंची इमारतों के ऑडिट कराने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे से फ्लैट मालिकों के हितों की रक्षा के लिए मुंबई की ऊंची इमारतों के ऑडिट कराने का अनुरोध किया है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चिट्ठी भी लिखी है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के नेता किरीट सोमैया ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से फ्लैट मालिकों के हितों की रक्षा के लिए मुंबई में अवैध ऊंची इमारतों का स्पेशल ऑडिट करने का अनुरोध किया है. सोमैया का अनुरोध नोएडा में अवैध रूप से बनाए गए 100 मीटर ऊंचे सुपरटेक ट्विन टावर को नियंत्रित विस्फोट के जरिए सुरक्षित रूप से सफलतापूर्वक ध्वस्त किए जाने के एक दिन बाद आया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे पत्र में भाजपा के नेता किरीट सोमैया ने कहा है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में भ्रष्टचार के चलते मुंबई में ऊंचे-ऊंचे आवासीय टावर का निर्माण कराया गया है. नोएडा में ट्विन टावर को गिराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में मुंबई में ऐसे अवैध टावर का विशेष ऑडिट किया जाना चाहिए. भाजपा के पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि बिल्डरों की लॉबी बीएमसी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर इस तरह के अवैध ढांचे का निर्माण कर रही है.
किरीट सोमैया ने अपनी चिट्ठी में कहा कि ऐसी इमारतें या तो नगर निगम से निवास प्रमाण पत्र (ओसी) के बिना हैं या उन्होंने आंशिक ओसी प्राप्त की हैं. इस तरह की प्रथाओं ने उन लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिन्होंने इन इमारतों में फ्लैट खरीदे हैं. बता दें कि ओसी नगर निगम द्वारा जारी एक दस्तावेज होता है, जो यह प्रमाणित करता है कि एक भवन का निर्माण अनुमोदित योजना के अनुसार और कानूनों का पालन करते हुए किया गया है.
नोएडा में अवैध रूप से बने सुपरटेक ट्विन टावर को रविवार को ध्वस्त कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने एक साल पहले इसे गिराए जाने का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि बिल्डरों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच मिलीभगत ने सुपरटेक लिमिटेड को उस क्षेत्र में निर्माण करने दिया, जहां मूल योजनाओं के अनुसार कोई इमारत नहीं बननी थी.