महाराष्ट्र की राजनीति के लिए रविवार का दिन काफी अहम रहा. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजित पवार ने अपनी पार्टी से बगावत करते हुए एकनाथ शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया और चंद घंटे में ही नेता प्रतिपक्ष से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गये. उन्होंने 17 एनसीपी विधायकों के साथ महाराष्ट्र की सरकार को समर्थन दे दिया. अजित पवार की बगावत से महाविकास अघाड़ी को तगड़ा झटका लगा है.
कैसे अचानक शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार
महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम इतनी तेजी से बदला की किसी को इसकी कानों कान खबर भी नहीं लगी. अजित पवार ने आज मुंबई में अपने आधिकारिक आवास ‘देवगिरि’ में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों से मुलाकात की. बैठक में राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले उपस्थित थीं. वहीं से अचानक अजित पवार अपने 17 समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गये. फिर देखते ही देखते नेपा प्रतिपक्ष से डिप्टी सीएम बन गये.
अजित पवार सहित कुल 9 एनसीपी के विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली
अजित पवार समेत 9 एनसीपी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. जिन विधायकों ने शपथ ली उसमें छगन भुजबल, दिलीप पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, धर्माराव, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल पाटिल.
अजित पवार का दावा उनके समर्थन में 40 एनसीपी विधायक
महाराष्ट्र के नये उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दावा किया है कि उनके समर्थन में 40 NCP विधायक और NCP के 6 एमएलसी हैं.
शरद पवार को झटका, टूट के कगार पर पहुंची एनसीपी
अजित पवार के अपने समर्थक विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने से शरद पवार की अगुआई में एनसीपी को तगड़ा झटका लगा है. अगर अजित पवार ने जो दावा किया है कि उनके समर्थन में 40 विधायक हैं, तो यह एनसीपी के लिए तगड़ा झटका होगा. विधानसभा में राकांपा के कुल 53 विधायक हैं. 40 विधायक अजित पवार के समर्थन में आने से पार्टी टूट के कगार पर पहुंच चुकी है. इधर राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने पुणे में कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी नहीं है, लेकिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते अजित पवार विधायकों की बैठक बुला सकते हैं.