Maharashtra News: महाराष्ट्र का सियासी संकट (Maharashtra Political Crisis) फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. और शिवसेना (Shiv Sena) के उद्धव खेमे को हर मोर्चे पर फिलहाल निराशा हाथ लग रही है. दरअसल, शुक्रवार को उद्धव खेमे वाली शिवसेना बागी विधायकों का मसला लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंची. लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उन 15 बागी विधायकों को विधानसभा से निलंबित किए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में यह अर्जी शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की थी.
कपिल सिब्बल ने तत्काल सुनवाई का किया आग्रह: इधर, इस मसले पर वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही लंबित होने के कारण याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए. लेकिन उनकी दलील पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 11 जुलाई को ही सुनवाई करने की बात कही.
उच्चतम न्यायालय ने 29 जून को महाराष्ट्र के राज्यपाल के उस निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को बहुमत साबित करने के लिये विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया गया था.
फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ने दिया था इस्तीफा: गौरतलब है कि, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट में उतरने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद बागी नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इधर, पूरे मामले में उद्धव ठाकरे खेमे वाली शिवसेना 16 बागी विधायकों पर डिप्टी स्पीकर के माध्यम से अयोग्य करार दिलाना चाहती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
भाषा इनपुट से साभार
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