Maharashtra news: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ रंगदारी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए कोर्ट मुंबई में 7000 पन्नों के पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है. इस आरोपपत्र में ईडी ने अनिल देशमुख को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया है. चार्जशीट में अनिल देशमुख के दोनों बेटों के नाम भी इसमें शामिल हैं. बता दें कि ईडी ने देशमुख को इस मामले में 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था. वहीं, उनके निजी सचिव संजीव पलांडे औऱ निजी सहायक कुंदन शिंदे को इसी साल जून में गिरफ्तार किया गया. ईडी ने पलांडे और शिंदे के खिलाफ 24 अगस्त को ही चार्जशीट दाखिल की थी.
बता दें कि एनसीपी नेता देशमुख को ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था. फिलहाल 71 वर्षीय देशमुख मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं. देशमुख और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला ईडी ने तब शुरू किया था, जब सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार देशमुख पर कथित तौर पर बर्खास्त सहायक निरीक्षक सचिन वाजे को पूरे मुंबई के बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूलने के लिए कहा था. वहीं, इस मामले की भी जांच चल रही है जिसमें पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के आईपीएस के अलावा राज्य पुलिस सेवा से जुड़े तबादले को और पोस्टिंग को लेकर है.
ईडी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली स्थित डमी कंपनियों की मदद से, देशमुख परिवार ने 4.18 करोड़ रुपये के दागी धन को लॉन्ड्र किया और ट्रस्ट में प्राप्त राशि को श्री साईं शिक्षण संस्थान के रूप में दिखाकर इसे बेदाग के रूप में पेश किया, वहीं, विशेष अदालत को ईडी ने बताया था कि देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए गलत तरीके से सचिन वाजे के जरिए कई ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.70 करोड़ रुपये नकद में अवैध रूप से प्राप्त किया है. हालांकि, देशमुख ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का खंडन किया था.