Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री और शिवसेना विधायक रामदास कदम ने मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाया है. रामदास कदम ने आरोप लगाते हुए कहा कि शरद पवार शिवसेना को तोड़ रहे हैं. रामदास कदम ने दावा किया कि शरद पवार ने शिवसेना को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है. उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों ने इस पर चिंता व्यक्त की थी. हालांकि, उद्धव ठाकरे शरद पवार से अलग होने को तैयार नहीं थे.
शिवसेना विधायक रामदास कदम ने दावा किया कि शरद पवार ने कुनाबी समुदाय के सदस्यों को अच्छे पद दिए हैं और उन्हें धन से मजबूत भी किया है. उन्होंने आगे दावा किया कि मुख्यमंत्री हमारे थे. धन सरकारी खजाने से आया, लेकिन शिवसेना को शरद पवार ने व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया. उन्होंने यह भी कहा वे इसका सबूत शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को दे चुके है. लेकिन, वो शरद पवार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे.
Mumbai| It was Sharad Pawar (NCP Chief) who broke the party (Shiv Sena). He was trying to end it since Balasaheb was there but never found a chance. Now he made Uddhav CM. Uddhav didn't go out during covid & then was ill for 6 months.He made use of it: Shiv Sena MLA Ramdas Kadam pic.twitter.com/VwZKXSiIVw
— ANI (@ANI) July 19, 2022
रामदास कदम ने कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे आज जीवित होते, तो क्या उन्होंने उद्धव ठाकरे को एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने दिया होता? आगे कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के उद्धव ठाकरे के कदम का विरोध किया था. कदम ने कहा कि मैंने उद्धव ठाकरे से कहा कि यह पाप करने जैसा है. बालासाहेब ठाकरे की आत्मा को इस व्यवस्था से शांति नहीं मिलेगी.
उद्धव सरकार में पूर्व मंत्री रहे रामदास कदम की इस टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है. एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने रामदास कदम की टिप्पणी को खारिज करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. तापसे ने दावा किया कि शिवसेना में विभाजन के पीछे बीजेपी का हाथ है. उन्होंने कहा कि बागी नेता शरद पवार को निशाना बनाकर इससे ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं. राकांपा प्रवक्ता तापसे ने कहा कि पवार की पहल के कारण एमवीए का गठन किया गया था.
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