महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज का दिन खास रहा. सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया. शीर्ष कोर्ट के फैसले को दोनों ही गुट अपनी-अपनी जीत के रूप में देख रहे हैं और जश्न मनाया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से महाराष्ट्र सरकार को बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को बहाल नहीं कर सकता क्योंकि उन्होंने पिछले साल जून में शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था. इस फैसले के साथ महाराष्ट्र सरकार पर मंडरा रहा खतरा टल गया है और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री के रूप में बने रहेंगे.
न्यायालय के फैसले के बाद गेंद विधानसभा अध्यक्ष के पाले में
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गेंद अब महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के पाले में है. कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने के संबंध में निर्णय लेने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की. हालांकि समय सीमा के अंदर इस मामले में फैसला लेना होगा. क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष बीजेपी के हैं, इसलिए शिंदे सरकार सुरक्षित मानी जा रही है.
राज्यपाल पर कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी राज्य के राज्यपाल के पास राजनीतिक दायरे में दाखिल होने तथा अंतर-दलीय विवादों या पार्टी के आंतरिक विवादों में भूमिका निभाने की शक्तियां नहीं होती. कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए कहना कानून के अनुरूप नहीं था. हालांकि चीफ जस्टिस की अगुवाई में गठित पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने माना कि राज्यपाल का 30 जून 2022 का वह निर्णय जिसमें एकनाथ शिंदे को नयी सरकार गठित करने के लिए आमंत्रित किया गया था, उचित है क्योंकि ठाकरे ने शक्ति परीक्षण कराए बिना ही पद से इस्तीफा दे दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिंदे गुट में जीत का जश्न
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एकनाथ शिंदे गुट ने जमकर जश्न मनाया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने कानूनी और संवैधानिक ढांचे के भीतर पिछले साल जून में सरकार बनाने का दावा पेश किया था और अब इस पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई है. शिंदे ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री जानते थे कि वह अल्पमत में हैं. अब वह कह रहे हैं कि उनका व्हिप पार्टी में लागू होगा, लेकिन क्या उनके पास पर्याप्त विधायक हैं?
उद्धव ठाकरे गुट ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मनाया जश्न
उद्धव ठाकरे ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ने सत्ता के लिए की जाने वाली गंदी राजनीति को उजागर कर दिया है. सबसे अहम बात यह है कि राज्यपाल की भूमिका की भी आलोचना की गई है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने अपने सहयोगियों के साथ शिवसेना से बगावत कर दी थी. जिसके बाद महाराष्ट्र की एमवीए सरकार गिर गयी. बाद में शिंदे ने बीजेपी की मदद से सरकार बनायी. उद्धव ठाकरे गुट ने शिंदे और उनके 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.