Nawab Malik Underworld Connection: मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है. रमजान (Ramadan 2022) के महीने में भी नवाब मलिक को कोर्ट से राहत नहीं मिली और उन्हें अभी कुछ दिन और जेल में ही रहना होगा. दरअसल, दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएमएलए (PMLA) की विशेष अदालत ने सोमवार को नवाब मलिक की न्यायिक हिरासत को 18 अप्रैल तक बढ़ा दिया है.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को कंधे की सर्जरी के लिए शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सीबीआई (CBI) ने 1 अप्रैल को उन्हें हिरासत में लिया था. नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले साल नवंबर में उनके खिलाफ जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, नवाब मलिक के वकील नीलेश भोसले ने बताया कि नवाब मलिक को उनकी न्यायिक हिरासत की समाप्ति के साथ आज अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने नवाब मलिक के न्यायिक हिरासत को 18 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. उन्होंने अपने घर के भोजन और दवाओं का अनुरोध किया है और अपनी गिरफ्तारी को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी है.
Mumbai| Nawab Malik was produced in Court today, with the end of his judicial custody; now it's been extended till April 18. He has requested his home food & medicines and has also challenged his arrest calling it illegal & unconstitutional: Nilesh Bhosle, Advocate of Nawab Malik pic.twitter.com/TXsLJH9OfJ
— ANI (@ANI) April 4, 2022
एनसीपी नेता नवाब मलिक पर पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act 2002) के तहत मामला दर्ज है. जानकारी के मुताबिक, नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से कुर्ला के गोवा परिसर में तीन एकड़ की जमीन औने-पौने दाम में खरीदी थी. 23 फरवरी को ईडी ने नवाब मलिक से लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. पहले नवाब मलिक 7 मार्च तक ईडी की हिरासत में थे, लेकिन बाद कोर्ट ने उन्हें 21 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, जिसे बढ़ाकर 4 अप्रैल किया गया. जिसे अब 18 अप्रैल तक हिरासत बढ़ा दी गई है.
इन सबके बीच, नवाब मलिक ने सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया है. नवाब मलिक ने शीर्ष अदालत में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री का दावा है कि उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध है.
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