NCB Leader Nawab Malik Apologize To Court महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बॉम्बे हाई कोर्ट से एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेड़े के परिवार पर बयानबाजी को लेकर माफी मांगी है. बता दें कि समीर वानखेड़े के पिता ने नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. इसके बाद कोर्ट में सुनवाई के दौरान शुक्रवार को नवाब मलिक ने माफी मांगी है.
दरअसल, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने हाई कोर्ट को यह भरोसा दिया था कि वह एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेड़े के परिवार पर कोई बयानबाजी नहीं करेंगे. हालांकि, इसके बावजूद नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के परिवार पर बयानबाजी की. इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक को नोटिस जारी किया. नोटिस में उनसे एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा कि ज्ञानदेव वानखेड़े और परिवार के खिलाफ बयानों के संबंध में अपने पहले के आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, जबकि उन्होंने अदालत में कहा था कि वह ऐसा नहीं करेंगे.
मालूम हो कि एनसीबी के वरीय अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी. इसके बाद नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ मानहानिकारक बयान को तब तक पोस्ट नहीं करने का संकल्प लिया था, जब तक कि इस मामले में कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है.
वहीं, ज्ञानदेव वानखेड़े ने 6 दिसंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर कर आरोप लगाया कि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने अदालत की अवमानना की है, क्योंकि उन्होंने अदालत में वचन देने के बावजूद उनके परिवार के खिलाफ बयान देना जारी रखा है. अपने मानहानि के मुकदमे में ज्ञानदेव वानखेड़े ने दावा किया कि अपने दामाद समीर खान को ड्रग्स मामले में एनसीबी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद नवाब मलिक ने उनके बेटे के खिलाफ आरोप लगाना शुरू कर दिया था. ज्ञानदेव वानखेड़े ने हर्जाने की मांग के अलावा उन्होंने एचसी से मानहानि कटेंट को हटाने का आदेश देने और एनसीपी नेता को इस तरह की टिप्पणी करने से रोकने का अनुरोध किया था.
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