मुंबई : सुप्रीम कोर्ट की ओर से गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने के बाद गोरेगांव वसूली मामले में एक अदालत की ओर से फरार घोषित पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह गुरुवार को मुंबई पहुंच गए हैं. मुंबई पहुंचने के बाद पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह जांच में सहयोग करने के लिए शहर में आते ही सबसे पहले कथित गोरेगांव रंगदारी मामले की जांच में शामिल होने के लिए कांदिवली स्थित क्राइम ब्रांच यूनिट 11 के दफ्तर गए.
हालांकि, बुधवार को उन्होंने कहा था कि फिलहाल वे चंडीगढ़ में हैं और जांच में सहयोग करने के लिए जल्द ही मुंबई पहुंचेंगे. अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की याचिका की सुनवाई के दौरान उनसे उनका ठिकाना पूछा था. सर्वोच्च अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से राहत देते हुए इस पर रोक भी लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर यानी सोमवार को कथित जबरन वसूली मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी. सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने आदेश जारी करते हुए मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था.
परमबीर सिंह के वकील ने अपनी दलील में कहा था, ‘मैं यह धारणा नहीं भेजना चाहता कि मैंने कुछ गलत किया है. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. कृपया मुझे सुरक्षा प्रदान करें. मैं सबसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी था, मैं नहीं भागूंगा.’ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद परम बीर सिंह ने कहा, वह चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई में उनके खिलाफ मामलों की जांच में शामिल होंगे. वह अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जांच में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंचे हैं.’
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मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच परम बीर सिंह के खिलाफ गोरेगांव जबरन वसूली मामले की जांच कर रही है. उसने मजिस्ट्रेट सुधीर भाजीपले की अदालत के समक्ष एक आवेदन दिया था, जिसमें पूर्व पुलिस प्रमुख को भगोड़ा घोषित करने की मांग की गई थी. विशेष लोक अभियोजक शेखर जगताप ने मांग की कि परम बीर सिंह के साथ दो अन्य आरोपी रियाज भाटी और विनय सिंह उर्फ बबलू को भी भगोड़ा घोषित किया जाए.