राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में नाम और पार्टी चुनाव चिह्न को लेकर चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच रार अबभी जारी है. दोनों गुटों ने इसपर अपना-अपना दावा किया है. मामला कोर्ट में है. दोनों गुट 6 अक्टूबर को अपना-अपना पक्ष रखने वाले हैं. अजित पवार ने दावा किया है शिंदे सरकार में शामिल होने से कि 30 जून उन्होंने शरद पवार को अध्यक्ष पद से हटा दिया था. हालांकि सियासी लड़ाई के बीच दोनों गुटों में मिलना-जुलना जारी है. जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में नये भूचाल की आशंका भी बढ़ गई है. इस बीच अजित पवार का इस मामले को लेकर बयान सामने आया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि उन्हें नाम और चुनाव चिह्न के संबंध में चुनाव आयोग का ‘अंतिम’ निर्णय स्वीकार होगा.
जुलाई में अजित पवार ने चाचा शरद पवार से कर ली थी बगावत
गौरतलब है कि अजित पवार जुलाई में आठ विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने अपने चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा के अधिकतर विधायकों के समर्थन का दावा किया था साथ ही चुनाव आयोग में पार्टी के नाम और चिह्न पर दावा पेश किया था. शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट के इस कदम को चुनाव आयोग में चुनौती दी थी और इस पर निर्णय लंबित है.
अजित पवार ने कहा, शरद पवार अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं
शरद पवार गुट द्वारा उनके समूह में शामिल होने वाले विधायकों पर कार्रवाई करने के सवाल पर अजित पवार ने कहा कि वे अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा, हालांकि, चुनाव आयोग (ईसी) ही अंतिम निर्णय लेता है. दोनों पक्ष निर्वाचन आयोग के पास गए हैं और तय तारीखों पर वे अपने पक्ष रखेंगे. जहां तक मेरा सवाल है, मैं आयोग के फैसले को स्वीकार करूंगा.
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पार्टी को एकजुट करने में जुटे शरद पवार
अजित पवार जहां पार्टी पर अपना दावा करने से चुक नहीं रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शरद पवार पार्टी को एकजुट करने में जुट गये हैं. पिछले दिनों शरद पवार और अजित पवार के बीच मुलाकात भी हुई थी. हालांकि उस मुलाकात को शरद पवार ने निजी बताया था. दूसरी ओर नये संसद भवन में शरद पवार और अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल को एक साथ तस्वीरों में देखा गया था.
अजित दादा के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला: सुप्रिया सुले
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के भी अजित पवार को लेकर तेवर इन दिनों नरम देखे जा रहे है. उन्होंने पिछने दिनों कहा, राजनीतिक रूप से अलग हो चुके अपने चचेरे भाई अजित पवार के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा है. संसद में भाई का जिक्र करते हुए उनके हाल के भाषण के बारे में पूछे जाने पर, सुले ने कहा, अजित दादा मेरे बड़े भाई हैं और मैंने उनके खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला है. मैंने संसद में जो कुछ भी कहा, वह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयानों के खिलाफ है.
अजित पवार ने मुख्यमंत्री बदले जाने की खबर को किया खारिज
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 16 विधायकों (शिवसेना) को अयोग्य ठहराए जाने और मुख्यमंत्री को बदलने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि इन सभी खबरों का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा, ऐसी खबरें एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री (जून 2022) बनने के दिन से ही चल रही हैं. ये सारी खबरें अर्थहीन हैं.