लॉकडाउन शुरू होने के बाद से महाराष्ट्र में साइबर क्राइम में बढ़ोतरी हुई है. टिकटॉक वीडियो के जरिए रेप और एसिड अटैक के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. महाराष्ट्र का साइबर क्राइम विभाग ऐसे वीडियो बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगा. यह बात महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को कही.
देशमुख ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराध बढ़े हैं और ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के साइबर विभाग ने इस संबंध में अभी तक 410 मामले दर्ज किए हैं और 213 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया मंच जैसे कि व्हाइट्सऐप, फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम और टिकटॉक का इस्तेमाल कर उकसावे वाली सामग्री, अफवाहें फैलाने और महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने तथा साम्प्रदायिक विभाजन पैदा करने जैसे अपराधों में ‘‘भारी वृद्धि” हुई है.
देशमुख ने एक वीडियो संदेश में कहा कि ऐसी गलत चीजें हो रही हैं. कृपया इससे बचें. इस बीच टिकटॉक के जरिए तेजाब हमले और बलात्कार को बढ़ावा देने वाले वीडियो भी सामने आए हैं. उन्होंने आगाह किया कि याद रखिए महाराष्ट्र अपराध विभाग आप पर नजर रख रहा है. ऐसे पोस्ट करने और वीडियो बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि देशभर में 24 मार्च को लगाए लॉकडाउन को कई चरणों में 31 मई तक बढ़ा दिया गया है.
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महाराष्ट्र के पुणे शहर में पालतू जानवरों को खासकर विदेशी नस्ल के कुत्तों को बचाने के लिए कुछ लोग आगे आए हैं जिन्हें उनके मालिकों ने उनसे कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की आशंका के चलते सड़कों पर छोड़ दिया था. एनिमल एडॉप्शन एंड रेस्क्यू टीम (एएआरटी) के 50 स्वयंसेवी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान पुणे की सड़कों पर गश्त कर छोड़े गए पालतू जानवरों को बचाने और उन्हें खाना खिलाने का काम कर रहे हैं. एनजीओ के एक स्वयंसेवी अजय पुजार ने कहा, “लॉकडाउन के बाद से, हमने कुत्ते के मालिकों को अपने जानवरों को छोड़ देने के मामलों में बढ़ोतरी देखी है खासकर विदेशी नस्ल जैसे डॉबरमेन,लेब्राडोर और जर्मन शेफर्ड कुत्ते.” उन्होंने बताया कि संगठन ने अब तक 40 ऐसे कुत्तों को शहर के विभिन्न हिस्सों से निकाला है और उन्हें पुणे के बाहर आश्रय गृहों में भेजा है.