मुंबई : दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू मंदिरों में की गई तोड़फोड़ की आग त्रिपुरा के रास्ते महाराष्ट्र तक पहुंच गई है. त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ महाराष्ट्र के अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में रैलियां आयोजित की गईं और अमरावती में पिछले दिनों से प्रदर्शनकारियों का उत्पात जारी है. इस दौरान महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने शनिवार को कहा कि हम कल (शुक्रवार) की हिंसा (अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में रैलियों में) की निंदा करते हैं.
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कहा कि हम कल (शुक्रवार) की हिंसा (अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में रैलियों में) की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिन लोगों ने इन विरोध-प्रदर्शनों को आयोजित किया है, उन पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी थी कि विरोध शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किया जाए.
Mumbai | We condemn yesterday's violence (in rallies at Amravati, Nanded, and Malegaon). Action will be taken against the culprits. Those who have organized these protests had a responsibility to make sure that protests shall be held peacefully: Maharashtra Minister Nawab Malik pic.twitter.com/kFuNMZT3Zj
— ANI (@ANI) November 13, 2021
वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि हम महाराष्ट्र में हो रहे विरोध और हिंसा की निंदा करते हैं. त्रिपुरा पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई फर्जी तस्वीरों का पर्दाफाश किया है. मैं अमरावती के लोगों से सामाजिक सद्भाव और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
We condemn protests&violence happening in Maharashtra. Tripura Police have exposed fake photos posted on social media.I appeal to people of Amravati to maintain social harmony&peace.There should be action against leaders giving inciting speeches: Maharashtra LoP Devendra Fadnavis pic.twitter.com/5rPC7wx2dK
— ANI (@ANI) November 13, 2021
उधर, त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के अमरावती में मुस्लिम संगठनों की ओर से शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान जमकर उत्पात मचाया गया. इसके विरोध में शनिवार को हिंदूवादी संगठनों की ओर से बंद का ऐलान किया गया है. प्रदर्शनकारियों के उत्पात को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से शहर में धारा 144 लगा दी गई है.
बता दें कि अक्टूबर महीने में दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की ओर से हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई थी. इसके विरोध में त्रिपुरा में हिंसक प्रदर्शन किया गया था. इस प्रदर्शन के दौरान एक मस्जिद, कुछ दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई थी. पुलिस ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को त्रिपुरा में हुए सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में करीब 68 यूजर्स का अकाउंट ब्लॉक करने का निर्देश दिया है.
इसके साथ ही, त्रिपुरा पुलिस ने आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी करने और यूएपीए के तहत 102 सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है. इन यूजर्स में सुप्रीम कोर्ट के चार वकील भी शामिल बताए जा रहे हैं. सोशल मीडिया के इन यूजर्स पर मुस्लिमों के खिलाफ सांप्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा देने का आरोप है. इनमें से चार आरोपियों को जेल भी भेज दिया गया है.
त्रिपुरा में हुई इस हिंसा की आग महाराष्ट्र के अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव तक पहुंच गई. मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि त्रिपुरा की हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के इन तीन स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया. जबरन कई दुकानों को बंद करवाया गया और प्रदर्शनकारी एवं पुलिस के बीच झड़प भी हो गई.