शिवसेना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि 2019 विधानसभा के बाद भाजपा और शिवसेना (Shiv Sena) ने पांच साल के कार्याकाल के दौरान 2.5 साल के मुख्यमंत्री पद की मांग की थी. अगर भाजपा उस वक्त राजी होता तो कभी महा विकास अघाड़ी का गठन नहीं होता. उन्होंने कहा, अगर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 2019 में उनसे किया गया वादा पूरा किया होता तो अब महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री होता.
Had BJP agreed to 2.5 years of Shiv Sena CM, there would never have been an MVA: Uddhav Thackeray
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— ANI Digital (@ani_digital) July 1, 2022
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाये जाने संबंधी भारतीय जनता पार्टी के फैसले पर सवाल उठाये और आश्चर्य जताया कि भाजपा ने 2019 में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से इनकार क्यों किया. उन्होंने कहा , आज जिस तरह से सरकार बनाई गई है और एक शिवसेना के सैनिक को सीएम बनाया गया है, मैंने 2019 में अमित शाह से भी यही कहा था. उस समय शिवसेना अधिकारिक तौर पर भाजपा के साथ थी.
उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी में बगावत को लोकतंत्र का मजाक और लोगों के वोट की बर्बादी बताया. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं. फडणवीस ने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए गुरुवार की शाम घोषणा की थी कि शिंदे राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. ठाकरे ने कहा, जिन लोगों ने ढाई साल पहले अपना वादा पूरा नहीं किया और शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा, वे एक बार फिर से शिंदे को शिवसेना का मुख्यमंत्री बताकर शिवसैनिकों के बीच संशय पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना को अलग रखने से शिवसेना का कोई मुख्यमंत्री नहीं हो सकता.
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ठाकर ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार से आरे कॉलोनी में मेट्रो -3 कार शेड परियोजना के साथ आगे नहीं बढ़ने की भी अपील की. उन्होंने कहा, मैं बहुत परेशान हूं. अगर आप मुझ पर नाराज हैं, तो इसे जाहिर करो, लेकिन मुंबई के दिल में छुरा मत मारो. मैं बहुत परेशान हूं कि आरे संबंधी फैसले को उलट दिया गया है. यह निजी संपत्ति नहीं है. ठाकरे ने कहा, मैंने निर्णय पर रोक लगा दी थी. मैंने कांजुरमार्ग का विकल्प दिया है. मैं पर्यावरण और पर्यावरणविदों के साथ हूं.