Meerut News: देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोगों की बुधवार को हेलिकॉप्टर क्रैश में जान चली गइ. उनके निधन की खबर से देश शोक में डूब गया है. इसके पहले हेलिकॉप्टर क्रैश की खबर आने पर प्रार्थनाएं की जा रही थी. देर शाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके सीडीएस बिपिन रावत समेत अन्य के निधन की जानकारी दी. बिपिन रावन के निधन की खबर सुनकर मेरठ में भी शोक की लहर दौड़ गई. किसी को भी घटना पर यकीन नहीं हो रहा है.
सीडीएस बिपिन रावत ने मेरठ कॉलेज के डिफेंस स्टडी डिपार्टमेंट से साल 2011 में पीएचडी की थी. उनके सुपरवाइजर प्रो. हरवीर शर्मा थे. प्रो. हरवीर शर्मा के मुताबिक जब बिपिन रावत पीएचडी करने आए थे तो उस समय वो मेजर जनरल थे. बिपिन रावत मेरठ कॉलेज के सबसे होनहार छात्र थे. दूसरी तरफ सीडीएस बिपिन रावत के निधन के खबर मिलते ही हर तरफ दुख का पहाड़ टूट पड़ा. हर जुबां खामोश और हर आंख में बिपिन रावत के लिए आंसू दिख रहे. किसी को भी भरोसा नहीं हुआ.
बिपिन रावत ने मेरठ कॉलेज से मिलिट्री मीडिया स्ट्रैटजिक स्ट्डीज, जियो स्ट्रैटजिक अप्रेजल ऑफ द कश्मीर वैली सब्जेक्ट से रिसर्च किया था. अपने बेहद बिजी शिड्यूल के बावजूद बिपिन रावत लगातार मेरठ आते रहते थे. रिसर्च के दौरान बिपिन रावत की पोस्टिंग आर्मी हेडक्वार्टर दिल्ली में थी. वो अपने बिजी शिड्यूल के बावजूद पढ़ाई करते थे. किसी भी तरह की दिक्कत होने पर गुरु प्रो. हरवीर शर्मा से सलाह लेते रहते थे. दो बार मेरठ में बिपिन रावत सुपरवाइजर प्रो. हरवीर शर्मा के घर भी आए थे.
मेरठ कॉलेज से रिसर्च के दौरान सीडीएस बिपिन रावत कई बार आए और मेरठ छावनी की यात्रा करने से नहीं चूके. मेजर जनरल के बाद आर्मी चीफ बने बिपिन रावत ने मेरठ से अपना रिश्ता खत्म नहीं किया. इसी साल सीडीएस बनने के बाद अप्रल में मेरठ छावनी के दौरे पर आए थे. इस दौरान वो लोगों से बातचीत की. उनके अनुभवों को जाना. आज बिपिन रावत के गुजरने से हर मेरठ वासी दुखी है.