लखनऊ. बिजली की बढ़ी हुई दरों के विरोध में बुनकरों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. बढ़ी हुई दर के कारण व्यापार को नुकसान के साथ लाखों श्रमिकों के रोजगार की चिंता उनको सता रही है. मेरठ में सोमवार को बुनकर एसोसिएशन के तत्वावधान में हजारों की संख्या में बुनकरों ने सोमवार को यहां बिजली दरों में वृद्धि के विरोध में रैली निकाली. बुनकरों ने जिलाधिकारी के कार्यालय तक मार्च किया. मांगों का एक ज्ञापन सौंपा, समाधान नहीं होने पर दिल्ली मार्च करने की धमकी दी है. बुनकरों का कहना है कि नई नीति व्यापार को बर्बाद कर देगी. उन्हें भुखमरी के कगार पर खड़ा कर देगी. राज्य सरकार ने छोटी मशीनों के लिए शुल्क 65 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिमाह तथा बड़ी मशीनों के लिए 130 रुपये से बढ़ाकर 800 रुपये प्रति माह कर दिया है.
बुनकर मेरठ के गोलकुआं क्षेत्र में एकत्र हुए और भीषण गर्मी में लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलकर जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंचे. अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार के फैसले से व्यापार और लाखों बुनकरों पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया तो बुनकर दिल्ली की ओर कूच करेंगे. बुनकर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष व समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के शासन काल में सरकार ने छोटे बिजली करघे (.5 एचपी) के लिए 65 रुपये और1 एचपी के लिए 130 रुपये प्रति माह का फ्लैट रेट तय किया था. इसके अलावा, बुनकरों को 150 किलोवाट तक बिजली का उपयोग करने की सुविधा दी गई, जिससे उन्हें एक कनेक्शन के माध्यम से कई मशीनें लगाने में मदद मिली.
विधायक रफीक अंसारी ने कहा कि अब राज्य सरकार ने छोटी मशीनों के लिए शुल्क 65 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रति माह कर दिया है और बड़ी मशीनों के लिए शुल्क 130 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 800 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. आरोप लगाया कि उन्हें एक कनेक्शन पर अधिकतम किलोवाट का उपयोग करने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. अकेले मेरठ में ही पावरलूम में 7 हजार से ज्यादा कनेक्शन हैं. 1 लाख से ज्यादा मशीनें चालू हैं. प्रदर्शनकारियों के साथ मार्च करने वाले रफीक ने कहा, यहां चार से पांच लाख से अधिक लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यापार से जुड़े हुए हैं.