15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Khuda Haafiz 2 Review: औसत फॉर्मूला फ़िल्म बन कर रह गयी है विद्युत जामवाल की खुदा हाफ़िज़ 2

Khuda Haafiz 2 Review:खुदा हाफ़िज़ 2 की कहानी वहां से शुरू होती है जहां पहली फ़िल्म की कहानी खत्म हुई थी. अपनी पत्नी नरगिस(शिवालिका ओबेरॉय)के साथ समीर (विद्युत जामवाल)भारत वापस तो लौट आया है,लेकिन वह अपनी पत्नी के दर्द को खत्म नहीं कर पाया है.

फ़िल्म- खुदा हाफ़िज़ चैप्टर 2 अग्निपरीक्षा

निर्देशक-फारूक कबीर

कलाकार- विद्युत जामवाल,शिवालिका ओबेरॉय,राजेश तेलांग,शीबा चड्ढा, दिव्येन्दु और अन्य

प्लेटफार्म- सिनेमाघर

बीते साल ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई विद्युत जामवाल स्टारर फ़िल्म खुदा हाफिज की अगली कड़ी खुदा हाफ़िज़ चैप्टर 2 अग्निपरीक्षा है. इस फ़िल्म की कहानी भी अपहरण, रेप,सिस्टम से लड़ते हुए बुरे लोगों को उनके अंजाम तक पहुंचाने की फार्मूला पर ही बनी है.

Khuda Haafiz 2 Review: कहानी फार्मूला फ़िल्म वाली है

फ़िल्म की कहानी वहां से शुरू होती है जहां पहली फ़िल्म की कहानी खत्म हुई थी. अपनी पत्नी नरगिस(शिवालिका ओबेरॉय)के साथ समीर (विद्युत जामवाल)भारत वापस तो लौट आया है,लेकिन वह अपनी पत्नी के दर्द को खत्म नहीं कर पाया है.विदेश में जो कुछ भी नरगिस ने झेला.उसने उसे बुरी तरह से तोड़ दिया है. एक अनाथ बच्ची नंदिनी दोनों की ज़िंदगी में आती हैं .दोनों उसे गोद लेने का फैसला करते हैं.बच्ची के ज़िन्दगी में आने के बाद समीर और नरगिस की ज़िंदगी में खुशियां भी लौट आती हैं,लेकिन एक दिन नंदिनी का किडनैप हो जाता है और रेप कर उसकी हत्या कर दी जाती है. समीर पुलिस से मदद मांगता है, लेकिन पूरे सिस्टम को लाचार पाता है, क्योंकि उसकी बेटी के साथ हुए अपराध में एक दबंग का पोता शामिल है. उसके बाद वही होता है ,जो अब तक हम कई मसाला फिल्मों में हम देखते आए हैं.

समीर अपनी बेटी के गुनहगारों को सजा देता है.कहानी भारत से इजिप्ट तक पहुंच जाती है,लेकिन कहानी में कोई नयापन नहीं आ पाता है.ऐसी कई फिल्में हम 80 और 90 के दशक में देख चुके हैं. यह एक मसाला फ़िल्म की तरह है. फ़िल्म में नयापन नहीं है,लेकिन मामला बोरिंग भी नहीं हुआ है.एक औसत फ़िल्म बनकर यह रह गयी है. फ़िल्म का ट्रीटमेंट 80 के दशक वाली फ़िल्म की तरह है.हर एक इमोशन को गाने के ज़रिए ही दर्शाया गया है.फ़िल्म की कहानी में यह बात भी समझ नहीं आती है कि नरगिस समीर के साथ ऐसा बर्ताव क्यों करती है,जैसे समीर का ही सारा दोष है. इसके साथ ही भारत में ही नहीं इजिप्ट में भी पुलिस का कोई अस्तित्व नहीं है.पिरामिड के आसपास जमकर गोलियां चलाते हुए चेसिंग हुई है .कुलमिलाकर जमकर सिनेमैटिक लिबर्टी ली गयी है.

Khuda Haafiz 2 Movie Review:शीबा चड्ढा का अभिनय है खास

अभिनय पक्ष की बात करें तो विद्युत जामवाल अपनी एक्शन इमेज के लिए जाने जाते हैं और इस फ़िल्म ने उनके इस इमेज के साथ बखूबी न्याय किया है.इमोशनल दृश्यों में वह चूके हैं. शिवालिका और राजेश तेलांग का अभिनय भी ठीक रहा है,फ़िल्म में उनके करने को कुछ खास नहीं था .शीबा चड्ढा ने पर्दे पर कुछ अलग करने की कोशिश की है औऱ उनका अभिनय फ़िल्म में सबसे ज़्यादा प्रभावित करता है. बाकी के कलाकारों का काम औसत है.

दूसरे पहलू हैं औसत

फ़िल्म के दूसरे पहलुओं की बात करें तो एक्शन दृश्यों में भी कहानी की तरह नयापन नहीं है.बैकग्राउंड म्यूजिक औसत है तो सिनेमेटोग्राफी भी खासा प्रभावित नहीं करती है.

देखें या ना देखें

अगर आप फ़िल्म में सिर्फ एक्शन और ड्रामा के शौकीन हैं तो यह फ़िल्म आपको लुभा सकती है.कुछ नयापन की तलाश करेंगे तो फ़िल्म निराश करेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें