इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण के 12 नये मरीज मिलने के बाद सूबे में इस महामारी की जद में आये लोगों की तादाद बढ़कर 98 पर पहुंच गयी है. इनमें से करीब 77 फीसदी मरीज अकेले इंदौर के हैं. शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बतााय कि कोरोना वायरस संक्रमण के 12 नये मरीजों में 80 वर्षीय महिला शामिल हैं. इनमें तीन मरीज ऐसे भी हैं, जिनके परिवार के अन्य नौ सदस्य पहले ही इस महामारी की चपेट में आकर अस्पताल में भर्ती हैं. इंदौर, सूबे में कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है और शहर में इसका दायरा लगातार बढ़ रहा है.
नये 12 मरीज मिलने के बाद शहर में इस महामारी की चपेट में आये लोगों की संख्या 75 हो गयी है, जिनमें से तीन मरीजों की इलाज के दौरान पहले ही मौत हो चुकी है. इसके अलावा, जबलपुर के आठ, उज्जैन के छह, भोपाल के चार और शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो मरीजों और खरगोन के एक मरीज में भी कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है.
राज्य में इस महामारी से संक्रमित होने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले छह मरीजों में इंदौर के तीन, उज्जैन के दो और खरगोन का एक मरीज शामिल हैं. प्रदेश के पश्चिमी हिस्से से ताल्लुक रखने वाले इन मृतकों को अन्य बीमारियां भी थीं. अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के ज्यादातर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों ने पिछले दिनों कोई यात्रा नहीं की थी और वे स्थानीय स्तर पर ही इस संक्रमण के शिकार हुए.
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इस बात से लगातार इन्कार कर रहा है कि शहर इस महामारी के तीसरे चरण यानी सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में पहुंच गया है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रवीण जड़िया ने कहा, ‘शहर की मौजूदा स्थिति को अभी हम कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण नहीं कह सकते. अब तक मिले मरीजों में शामिल ज्यादातर लोग आपस में रिश्तेदार या परिचित हैं, जिन्होंने एक-दूसरे के संपर्क में आकर इस बीमारी को फैलाया.’
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को शहर में कोरोना वायरस के किसी नये मरीज के बारे में जैसे ही पता चलता है, उसके परिजनों और उसके संपर्क में आये लोगों को ढूंढ़कर उन्हें पृथक केंद्रों में पहुंचा दिया जाता है. जड़िया ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद यहां पिछले नौ दिन में 600 से ज्यादा लोगों को पृथक केंद्रों में पहुंचाया गया है, ताकि इस महामारी का फैलाव रोका जा सके. कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है.