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भोपाल पंचायत चुनाव में अनियमितता का आरोप : दिग्विजय सिंह ने खोया आपा, पुलिसकर्मी के साथ की धक्का-मुक्की

भोपाल के पंचायत कार्यालय की इस घटना के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि वह भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा को परिसर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश कर रहे थे. महिला मतदाता के साथ भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा और शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह भी थे.

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल जनपद पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस ने अनियमितता का आरोप लगाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में अनियमितता का आरोप लगाते हुए आपा खो बैठे और उन्होंने मतदान केंद्र पर उपस्थित एक पुलिसकर्मी से धक्का-मुक्की तक कर दी. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भोपाल में जिला पंचायत कार्यालय के परिसर में एक महिला मतदाता को प्रवेश करने से रोकने का प्रयास करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पुलिसकर्मियों से भिड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कृत्य की निंदा की है.

मैंने पुलिसकर्मी का कॉलर नहीं पकड़ा : दिग्विजय

हालांकि, भोपाल के पंचायत कार्यालय की इस घटना के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि वह भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा को परिसर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश कर रहे थे. महिला मतदाता के साथ भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा और शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह भी थे. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि महिला कांग्रेस समर्थक थी, लेकिन भाजपा नेताओं ने उस पर दबाव डाला. दिग्विजय ने कहा कि पुलिस धक्का देने की कोशिश कर रही थी, जिसे मैं रोकने की कोशिश कर रहा था और जैसा कि मुख्यमंत्री चौहान ने आरोप लगाया मैंने किसी पुलिसकर्मी का कॉलर नहीं पकड़ा.


सीएम शिवराज ने दिग्विजय पर लगाया कलेक्टर कार्यालय पर धक्का देने का आरोप

उधर, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह ने कलेक्टर कार्यालय के दरवाजे को धक्का दिया. वहीं, दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के आरोप के जवाब में कहा कि वह दिन में कभी भी कलेक्टर कार्यालय नहीं गए. दिग्विजय सिंह (75) और एक पुलिसकर्मी को एक-दूसरे को धक्का देते देखा गया. इस दौरान वहां पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी, कांग्रेस के विधायक पीसी शर्मा और आरिफ मसूद भी मौजूद थे.


कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को दिया ज्ञापन

हालांकि, बाद में कांग्रेस नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयोग को दिए एक ज्ञापन में आरोप लगाया कि जिला पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा, स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा घोर अनियमितताएं की गईं हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत सदस्यों को पुलिस सुरक्षा में सरकारी वाहन से मुख्यमंत्री चौहान के आवास और बाद में मतदान केंद्र ले जाया गया. इन मतदाताओं के साथ मंत्री भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग भी थे और यह चुनाव में धांधली करने का प्रयास था. कांग्रेस ने ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया कि नियमों का उल्लंघन कर जिला पंचायत सदस्यों के स्थान पर टेंडर वोट (मतदाता के प्रतिनिधि द्वारा वोट करना) डाले गए.

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कांग्रेस ने की अध्यक्ष चुनाव रद्द करने की मांग

ज्ञापन में कहा गया कि बार-बार शिकायत के बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए कांग्रेस की मांग है की कि भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को रद्द किया जाना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा ने घोर अनियमितताओं में लिप्त होकर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद जीता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि पुलिसकर्मी के साथ दिग्विजय का व्यवहार पूर्व मुख्यमंत्री के कद के अनुरूप नहीं था. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के अहंकारी कृत्य इस तथ्य का प्रतिबिंब हैं कि कांग्रेस अपना आधार खो रही है.

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