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2018 बैच की आइएएस हैं तपस्या परिहार
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अपनी शादी में नहीं कराया कन्यादान
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पांच दिन में पारंपरिक तरीके से हुई शादी
भोपाल: ‘पापा, मैं आपकी बेटी हूं, दान की वस्तु नहीं’, 2018 बैच की आइएएस तपस्या परिहार ने अपनी शादी में यह कह कर अपना कन्यादान करने से पिता को रोक दिया. हालांकि, शादी की बाकी रस्में हुईं. पहले कोर्ट मैरेज हुआ. पांच दिन पारंपरिक तरीके से शादी हुई. शादी के बाद रिसेप्शन भी हुआ. इस दौरान परिवार के लोग मौजूद थे.
सब कुछ आम शादी की तरह. बस, कन्यादान नहीं हुआ. तपस्या के इस फैसले को सबने सराहा और अब इसकी खूब चर्चा भी हो रही है. उनके इस कदम को महिलाओं को कमतर साबित करने वाली रूढ़िवादी परंपराओं के खिलाफ सशक्त और सार्थक विद्राेह माना जा रहा है.
तपस्या मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के जोवा गांव के सामान्य पारिवार से आती हैं. उनके पिता विश्वास परिहार मूल रूप से किसान हैं. बेटी पर उन्होंने खूब भरोसा किया. उन्हें आइएएस की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा. तपस्या ने भी पिता के भरोसा को कायम रखा. दूसरी ही कोशिश में सफलता हासिल कर ली.
यूपीएसपी की परीक्षा में उन्होंने 23वां स्थान पाया. उनका जन्म नरसिंहपुर जिले के जोवा गांव में ही हुआ है. नरसिंहपुर के केंद्रीय विद्यालय से उन्होंने स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद पुणे स्थित इंडिया लॉ सोसाइटीज कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की. उनकी शादी गर्वित गंगवार से हुई. गंगवार भी आइएफएस अफसर हैं.
दरअसल, तपस्या परिहार को मध्य प्रदेश कैडर की आइएएस अधिकारी हैं, जबकि गर्वित गंगवार तमिलनाडु कैडर के आइएफएस अफसर हैं. मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान दोनों की मुलाकात हुई. दोनों ने शादी का फैसला किया. इसके लिए गर्वित गंगवार ने अपना कैडर बदलवा लिया.
Posted by: Pritish Sahay