भोपाल : मध्यप्रदेश में उपचुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक करारा झटका लग रहा है. पार्टी के एक और विधायक नारायण पटेल ने बृहस्पतिवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और अब भाजपा में शामिल हो गये. नारायण पटेल ने प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को अपना इस्तीफा सौंपा. प्रोटेम स्पीकर ने उनका त्याग पत्र स्वीकार भी कर लिया. नारायण पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा के भोपाल ऑफिस में भाजपा की सदस्या ग्रहण की.
नारायण पटेल के इस्तीफा देने के साथ ही सदन में अब विपक्षी कांग्रेस के विधायकों की संख्या कम होकर 89 रह गयी है. विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने बताया कि उन्होंने खंडवा जिले के मंधाता क्षेत्र से कांग्रेस विधायक पटेल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
शर्मा ने बताया कि पटेल बुधवार इस्तीफा सौंपा था जिसे उन्होंने बृहस्पतिवार को मंज़ूर कर लिया. गौरतलब है कि इससे पहले बुरहानपुर जिले की नेपानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस की महिला विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गई थीं. इससे पहले उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था.
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इसके बाद वह भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गई. इस मौके पर सुमित्रा ने कहा, मैं भाजपा में शामिल हो गई हूं. मैं अपने क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा में शामिल हुई हूं. उन्होंने कहा, मैं पहली बार विधायक बनी थी. मुझे जनता ने इसलिए वोट देकर जिताया था कि मैं अपने क्षेत्र का विकास करूंगी.
Madhya Pradesh: Narayan Patel joins Bharatiya Janata Party (BJP) in the presence of Chief Minister Shivraj Singh Chouhan at the party office in Bhopal. pic.twitter.com/4fLJLvBa8I
— ANI (@ANI) July 23, 2020
कमलनाथ के नेतृत्व वाली पूर्व कांग्रेस नीत सरकार पर तंज कसते हुए सुमित्रा ने बताया, 15 महीने तक जब प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता थी, तब अपने क्षेत्र के विकास के लिए मैं तत्कालीन मंत्रियों के पास जा-जाकर परेशान हो गई, लेकिन मेरे क्षेत्र में विकास नहीं हुआ. उन्होंने कहा, आदिवासी विधायक होने के कारण मुझे मध्य प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार ने अनदेखा किया.
उस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस में लोगों का दम घुट रहा है. कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है. वर्षों से एक ही परिवार का कब्जा है. दिल्ली में अगर आप देखें तो कभी सोनिया गांधी अध्यक्ष, तो कभी राहुल गांधी अध्यक्ष। राहुल गांधी से फिर सोनिया गांधी अध्यक्ष. वहां और कोई है ही नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग चाहते हैं कि अपने नेताओं से बात करें तो वहां कोई सुनने को तैयार नहीं. चौहान ने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा, और मध्य प्रदेश में भी देखो, वही प्रचारक, वही अध्यक्ष, फिर वही मुख्यमंत्री और अब वही नेता प्रतिपक्ष. यहां तो एक ही नेता है और पीछे दिग्विजय सिंह है.
विकास की सुनेंगे नहीं, जनकल्याण की बातें सुनेंगे नहीं. इस परिस्थिति में जिसका अपना कोई स्वार्थ न हो और अपने क्षेत्र के विकास के लिए काम करना हो, जनता की भलाई के काम करना हो, वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं.
Posted By – Arbind Kumar Mishra