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मध्य प्रदेश में सरकार के आदेश के बाद भी नहीं बिकी शराब

भोपाल : मध्य प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा शराब की बिक्री मंगलवार से पुन: शुरू करने के आदेश के बाद भी शराब व्यवसाय से जुड़े ठेकेदारों के विरोध के चलते आज समूचे प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं खुलीं, जिसके कारण शराब नहीं बिकी. मध्य प्रदेश में लॉकडाउन के कारण करीब छह सप्ताह से शराब की दुकानें बंद थीं. इससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा था. अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की तरह प्रदेश सरकार ने भी पांच मई से शराब की बिक्री प्रदेश के 52 जिलों में से 49 जिलों में फिर से मंगलवार से शुरू करने के आदेश दिए थे.

भोपाल : मध्य प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा शराब की बिक्री मंगलवार से पुन: शुरू करने के आदेश के बाद भी शराब व्यवसाय से जुड़े ठेकेदारों के विरोध के चलते आज समूचे प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं खुलीं, जिसके कारण शराब नहीं बिकी. मध्य प्रदेश में लॉकडाउन के कारण करीब छह सप्ताह से शराब की दुकानें बंद थीं. इससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा था. अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की तरह प्रदेश सरकार ने भी पांच मई से शराब की बिक्री प्रदेश के 52 जिलों में से 49 जिलों में फिर से मंगलवार से शुरू करने के आदेश दिए थे.

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उच्च न्यायालय की शरण में शराब के ठेकेदार

एक तरफ शराब दुकानें खुलने का लोग इंतजार कर रहे हैं, वहीं राज्य सरकार एवं कुछ शराब कारोबारियों ने भी हो रहे नुकसान पर चिंता जाहिर की है. मालूम हो कि कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से प्रदेश में शराब की दुकानें बंद हैं. मध्य प्रदेश में कोविड-19 वाले तीन रेड जोन जिलों भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन को छोड़कर पांच मई से 49 जिलों में शराब की बिक्री फिर से शुरू करने के लिए सोमवार को आदेश जारी किए गये थे, लेकिन सरकार के इस आदेश के जारी होने के तुरंत बाद शराब के ठेकेदारों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका लगा दी, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है.

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अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अदालत में ली शरण

कोविड-19 की महामारी के कारण 24 मार्च की मध्य रात्रि से लागू लॉकडाउन की वजह से अपनी दुकानों को नहीं खोल पाने के कारण मध्य प्रदेश के शराब ठेकेदारों ने अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि जितने दिन उनकी दुकानें बंद रही हैं, उसका आंकलन कर ठेका राशि उतनी कम की जाए. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए निविदा आमंत्रित की जाये. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 मई को निर्धारित की है.

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हठधर्मिता नहीं की जायेगी बर्दाश्त

मध्य प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि शराब के ठेकेदारों को सरकार के निर्णय का पालन करते हुए शराब की दुकानों को खोलना चाहिए था. उनकी इस हठधर्मिता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा यदि शराब के ठेकेदारों को कोई शिकायत थी तो उन्हें अदालत जाने की बजाय राज्य सरकार के सामने अपनी बात रखनी चाहिए थी. एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने बताया कि सरकार ने शराब के ठेकेदारों से सोमवार को कोई चर्चा नहीं की. मध्य प्रदेश लिकर एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश राय ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मध्य प्रदेश में शराब की सभी दुकानें बंद रहीं. मध्य प्रदेश के एक आला अधिकारी ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि उनकी शिकायतों पर विचार किया जाएगा. इसलिए शराब की दुकानों को फिर से खोलने पर वे आपस में बातचीत कर रहे हैं, ताकि सहमति बनायी जा सके.

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