बड़वानी. कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की कहानी सुन रोंगटें खड़ी हो जा रही हैं. लगभग हर रोज मजदूरों के सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने की खबरें आ रही हैं. ऐसा ही एक वाकया मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के बिजासन बॉर्डर पर हुआ. नवजात बच्चे के साथ यहां पहुंची एक महिला मजदूर की कहानी रुह कंपाने देने वाली है. बच्चे के जन्म के 1 घंटे बाद ही उसे गोद में लेकर महिला 160 किलोमीटर तक पैदल चल बिजासन बॉर्डर पर पहुंची.
Also Read: Coronavirus News in Jharkhand, Live Updates : झारखंड में 79 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का चल रहा इलाज, स्वस्थ होकर लौटे 78, तीन की हो चुकी मौत, कोरोना का आंकड़ा पहुंचा 160
पांच दिन के बच्चे की मां का नाम शकुंतला है. वह अपने पति के साथ नासिक में रहती थी. समाचार एजेंसी के अनुसार प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में वह अपने पति के साथ नासिक से सतना के लिए पैदल ही निकली पड़ी. नासिक से सतना की दूरी करीब 1 हजार किलोमीटर है. बिजासन बॉर्डर से 160 किलोमीटर पहले 5 मई को उसने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दिया.
Also Read: Indian Railways News: लॉकडाउन के बीच 12 मई से चलेंगी ट्रेनें, रिजर्वेशन और किराए संबंधी हर जानकारी यहां
शकुंतला शनिवार को बिजासन बॉर्डर पर पहुंची. उसकी गोद में नवजात बच्चे को देख चेक-पोस्ट की इंचार्ज कविता कनेश उसके पास जांच के लिए पहुंची. उन्हें लगा कि महिला को मदद की जरूरत है. उसके बाद उससे बात की, तो कहने को कुछ शब्द नहीं थे. महिला 70 किलोमीटर चलने के बाद रास्ते में मुंबई-आगरा हाइवे पर बच्चे को जन्म दिया था. बच्चे को जन्म देने के बाद एक घंटे सड़क किनारे ही रुकी रही और फिर पैदल चलने लगी. बिजासन बॉर्डर तक पहुंचने के लिए वह 160 किलोमीटर पैदल चली.
Also Read: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की हालत स्थिर, दिल्ली एम्स में इलाज जारी