25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Explainer: कांग्रेस क्यों मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर कर रही है खास फोकस जानें

MP Election 2023 : कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव हों या 2020 का उपचुनाव या फिर नगर निकाय और पंचायत चुनाव, इन सभी फॉर्मेट के चुनाव में कांग्रेस को जनता का जबरदस्त समर्थन मिला. यही वजह है कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर कांग्रेस का खास फोकस है. जानें पूरा समीकरण

MP Election 2023 : इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले कांग्रसे प्रदेश में पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रही है. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर में एक रैली को संबोधित किया. इस रैली में उन्होंने भाजपा पर चुन-चुनकर वार किया और कहा कि सूबे में परिवर्तन की व्यापक लहर है. आपको बता दें कि इस क्षेत्र में पिछली बार कांग्रेस के लिए पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वोट मांगा था और यहां पार्टी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था.

केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर में रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि मणिपुर में भयानक अत्याचार हुआ. हमारे प्रधानमंत्री का 77 दिन तक कोई बयान नहीं आया, एक लफ्ज नहीं कहा…एक शर्मनाक वीडियो जारी होने के बाद कल मजबूरी में उन्हें कुछ शब्द बोलने पड़े. इसमें भी राजनीति घोल दी गयी और उन प्रदेशों का नाम लिया जहां विपक्ष की सरकार वर्तमान में है.

जबलपुर से चुनावी अभियान की शुरुआत

यहां चर्चा कर दें कि पिछले 40 दिन में प्रियंका का मध्य प्रदेश में यह दूसरा दौरा है. प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है जिसको लेकर पार्टी ने कमर कस ली है और सत्तारुढ़ बीजेपी पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. इससे पहले, प्रियंका ने 12 जून को जबलपुर में एक रैली को संबोधित किया था और प्रदेश में अपनी पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. उन्होंने जबलपुर में कहा था कि यदि कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में आती है तो वह पांच योजनाएं लागू करेगी जिनमें महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता शामिल है. इसके अलावा 100 यूनिट मुफ्त बिजली और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली भी कांग्रेस करेगी यदि वह सत्ता में आती है.

ग्वालियर और चंबल संभाग पर कांग्रेस का फोकस

कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है और वह अपने पुराने गढ़ को इस बार फिर साधना चाहती है…चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव कांग्रेस जनता के बीच जा रही है और पार्टी की पकड़ मजबूत करने पर ध्यान लगा रही है. इस बीच आज हम बात मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की करते हैं. खासकर ग्वालियर और चंबल संभाग की जहां कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की रैली हुई है. इस क्षेत्र में पार्टी का खेल ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिगाड़ा था.

आपको बता दें कि सिंधिया राजवंश एक समय ग्वालियर की तत्कालीन रियासत पर शासन कर चुका है तो ऐसे में इस परिवार का लोगों पर प्रभाव बनना लाजिमी है. यहां पार्टी पर सिंधिया परिवार की छाप भी रही है. हालांकि, साल 2018 के चुनाव में साथ नजर आने वाला सिंधिया परिवार अब कांग्रेस के साथ नहीं हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने उसी मजबूती से खड़े रहने की चुनौती है. यही वजह है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी यहां पहुंचीं.

ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस ने किया था अच्छा प्रदर्शन

कांग्रेस के ग्वालियर-चंबल में फोकस रखने की खास वजह आज आपको बताते हैं. दरअसल, कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव हों या 2020 का उपचुनाव या फिर नगर निकाय और पंचायत चुनाव, इन सभी फॉर्मेट के चुनाव में कांग्रेस को जनता का जबरदस्त समर्थन मिला. 2018 के चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल के 8 जिलों की कुल 34 सीटों में 26 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. वहीं बीजेपी को 7 और बसपा को एक सीट मिली पिछले चुनाव में मिली थी. केवल चंबल संभाग के तीन जिलों की 13 सीटों में 10 कांग्रेस के खाते में आयी थीं. इस जीत के बाद कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थी.

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ज्यादा सीट जीतना कांग्रेस का मकसद

2020 के उपचुनाव में भी कांग्रेस ने पूरा दम दिखाया. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर उपचुनाव कराये गये, जिसमें सात सीट कांग्रेस के खाते में आयी थीं. 2018 के नतीजों को दोहराने और सिंधिया को रोकने के लिए गोविंद सिंह का कद कांग्रेस ने बढ़ाया. गोविंद को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय के खेमे का बताया जाता है.

Also Read: MP Election 2023: ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस को पहुंचाएंगे नुकसान ? दिग्विजय सिंह के भाई ने कही ये बात

कांग्रेस ने 2022 के नगर निकाय चुनाव में शानदार प्रदर्शन इस क्षेत्र में किया. ग्वालियर- चंबल में जबरदस्त परफॉर्म करते हुए कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के मजबूत किले को धराशायी कर दिया. खास बात यह रही कि ग्वालियर में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता ना होने के बाद भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया और अपना मेयर बनाने में सफलता पायी. ग्वालियर की जीत का श्रेय विधायक सतीश सिकरवार को दिया जाता है, जिनकी पत्नी शोभा सिकरवार मेयर के पद पर आसीन हैं. ग्वालियर में 57 साल बाद नगर निगम के चुनाव में बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन किया.

सिंधिया ने कर दी थी कांग्रेस से बगावत

यदि आपको याद हो तो कांग्रेस सरकार से नाराज से चल रहे विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में सामूहिक इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गयी थी. इनमें ग्वालियर संभाग के 9 विधायक शामिल थे. ये विधायक कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे. विधायकों ने इस्तीफे दिए तो नवंबर 2020 में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव कराये गये.

Also Read: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा पटवारी भर्ती परीक्षा का असर? कांग्रेस हुई भाजपा पर ज्यादा हमलावर

मध्य प्रदेश में 10 संभाग और 52 जिले हैं. प्रदेश के 10 संभागों के अंतर्गत आने वाले जिलों की सूची…

1. भोपाल संभाग में भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा जिले आते हैं.

2. ग्वालियर संभाग में अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, गुना, ग्वालियर जिले आते हैं.

3. नर्मदापुरम संभाग में हरदा, होशंगाबाद, बैतूल जिले आते हैं.

4. चंबल संभाग में मुरैना, श्योपुर, भिंड जिले आते हैं.

5. इंदौर संभाग में बड़वानी, बुरहानपुर, धार, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, अलीराजपुर जिले आते हैं.

6. जबलपुर संभाग में बालाघाट, छिंदवाड़ा, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी जिले आते हैं.

7. रीवा संभाग में रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली जिले आते हैं.

8. सागर संभाग में छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर, टीकमगढ़ जिले आते हैं.

9. शहडोल संभाग में शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, अनूपपुर जिले आते हैं.

10. उज्जैन संभाग में देवास, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन जिले आते हैं.

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश राज्य का गठन 1956 में किया गया था. ग्वालियर, इंदौर और भोपाल ब्रिटिश रियासतें आधुनिक मध्य प्रदेश का हिस्सा हैं. मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ का गठन साल 2000 में हुआ.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें