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CoronaVirus Bihar Update : ‘कोविड-19’ से जंग के बीच मुंगेर से राहत की खबर, घट रहे कोरोना वायरस के मामले

बिहार के मुंगरे में पिछले 15 दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार सामने आ रहे मामले के बीच जहां बुधवार का दिन जिले के लिए पूरी तरह राहत भरा रहा. वहीं गुरुवार की देर शाम तक एक भी पॉजिटिव मरीज का मामला सामने नहीं आया.

मुंगेर : बिहार के मुंगरे में पिछले 15 दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार सामने आ रहे मामले के बीच जहां बुधवार का दिन जिले के लिए पूरी तरह राहत भरा रहा. वहीं गुरुवार की देर शाम तक एक भी पॉजिटिव मरीज का मामला सामने नहीं आया. मंगलवार को भेजे गये 206 सैंपल में सभी का जांच रिर्पोट निगेटिव आया है. अब जिला प्रशासन की नजर बुधवार को भेजे गये 253 सैंपल के रिर्पोट पर है. वहीं जिले में घट रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या से जिले के लोगों को इस भय के माहौल में राहत मिली है.

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हालांकि, जिन 253 सैंपल का जांच रिर्पोट आना अभी बांकी है. उसमें एक या दो संक्रमित मरीजों के मामले सामने आने की आशंका हो सकती है. क्योंकि इस सैंपल में मंगलवार को जमालपुर के जिन दो लोगों का जांच रिर्पोट पॉजिटिव आया था. उनके संपर्क में आये लोगों का सैंपल भी है.

घट रहा कोरोना का कहर, लगातार रिर्पोट आ रहे निगेटिव

जिला प्रशासन द्वारा जहां रविवार और सोमवार को भेजे गये 510 सैंपल में जमालपुर के दो लोगों का जांच रिर्पोट पॉजिटिव पाया गया था. वहीं मंगलवार की देर शाम भेजे गए 206 सैंपलों में सभी का जांच रिर्पोट निगेटिव पाया गया है. पिछले तीन दिनों में भेजे गये 716 सैंपल के जांच रिर्पोट में केवल दो लोगों का जांच रिर्पोट पॉजिटिव आने से जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के एक्टिव मरीजों की संख्या में कमी आनी शुरू हो गयी है. जबकि, मंगलवार से जिले में कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों की संख्या 75 पर स्थिर है.

मुंगेर में संक्रमित मरीजों की संख्या 92 पर ठहरा

वहीं, अबतक जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी 92 पर रूका है. जो जिले के लिए राहत का विषय है. जिला प्रशासन की नजर अब बुधवार को भेजे गये 253 लोगों के जांच रिर्पोट पर टिकी है. इसके बाद ही जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे अध्याय के रुकने या इस अध्याय में और भी कड़ी के जुड़ने का मामला साफ होगा.

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पहला अध्याय से बड़ा हो चुका है संक्रमण का दूसरा अध्याय

मुंगेर जिले में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला अध्याय 22 मार्च को सदर प्रखंड के चुरंबा निवासी युवक के पटना एम्स में इलाज के दौरान मौत होने और उसे कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के साथ शुरू हुआ था. जिसके संपर्क में आकर उसके परिवार की एक महिला और बच्चा सहित नेशनल हॉस्पीटल के चार कर्मी कोरोना संक्रमित हो गये थे. जिन्हें बेहतर इलाज के लिए भागलपुर के जेएलएनएमसीएच भेज दिया गया था. जहां से 8 अप्रैल को सभी 6 संक्रमित मरीज इलाज के बाद ठीक होकर अपने घर वापस आ गये थे.

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जबकि, जिला प्रशासन द्वारा मृतक से जुड़े मामले में 278 लोगों का सैंपल जांच कराया गया था. वहीं जिले में कोरोना का पहला अध्याय 8 अप्रैल को समाप्त होने के बाद 15 अप्रैल को जमालपुर के सदर बाजार निवासी एक वृद्ध के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद जिले में कोरोना संक्रमण का दूसरा अध्याय शुरु हुआ. जो पहले अध्याय से काफी बड़ा हो चुका है. जिले में कोरोना संक्रमण का दूसरा अध्याय शुरु करने वाले वृद्ध के संपर्क चेन में जुड़कर जमालपुर के अबतक 85 लोग संक्रमित हो चुके है. जिसमें से 24 अप्रैल को 5 एवं 30 अप्रैल को पुन 5 लोग पटना के एनएमसीएच से ठीक होकर अपने घर वापस आ चुके है. जबकि, इस संक्रमण चेन में कुल 75 एक्टिव संक्रमित मरीज अब भी है. वहीं इस संक्रमण चेन से जुड़े मामले में जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1800 से अधिक लोगों का सैंपल जांच कराया जा चुका है.

मुंगेर जिले में कोरोना से जुड़े आकड़ें

मुंगेर में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या – 92

एक्टिव पॉजेटिव मरीजों की संख्या – 75

इलाज के बाद स्वस्थ्य हुए – 16

कोरोना से मौत की संख्या – 1

जांच किये गये सैंपल की संख्या : 2268

निगेटिव रिर्पाट की संख्या – 1923

रिजेक्टेड सैंपल की संख्या – 10

विदेशों से आये लोगों की संख्या – 183

बाहरी राज्यों से आये लोगों की संख्या – 7,395

मुंगेर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के पांच दिन पूर्ण होने पर दुबारा लिया गया सैंपल

कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सीधे डेडीकेटेड कोरोना अस्पताल में रेफर नहीं कर स्थानीय आइसोलेशन सेंटर में इलाज किया जा रहा है. मुंगेर जिले के क्वींस हॉस्टल जमालपुर और जीएनएम हॉस्टल मुंगेर में बनाये गये आइसोलेशन वार्ड में रह रहे संक्रमित मरीज का दुबारा सैंपल कलेक्शन गुरुवार को किया गया. क्वींस हॉस्टल में 43 संक्रमित मरीज को रखा गया है. उनमें 21 मरीजों का पांच दिन पूरा हो गया था. उन सभी का स्वाव कलेक्शन किया गया है. मुंगेर से आयी कलेक्शन टीम में शामिल चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों ने क्वींस हॉस्टल के इंचार्ज चिकित्सक डॉ विजय कुमार की उपस्थिति में सभी का स्वाब लिया है. जिसे त्रिस्तरीय सुरक्षा में पैक पर जांच के लिए पटना भेजा गया है.

पांच दिन बाद होता है पहला टेस्ट

बताया जाता है कि सामान्य तौर पर डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पांच दिनों तक दवा देते है. छठे दिन सैंपल फिर से लिया जाता है. जिसके बाद अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो सातवें दिन उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है. सूत्रों की माने तो सैंपल लेकर पटना तो भेजा जाता है. लेकिन, समय पर रिपोर्ट नहीं आ पाती है. ऐसे में डॉक्टर के पास समस्या उत्पन्न हो जाती है कि आखिर अब इनका इलाज कैसे करें. इनको पॉजिटिव माने या निगेटिव.

मुंगेर से आज लौट जायेगा कलेक्शन टीम भागलपुर

बताया जाता है कि मुंगेर जिले में कोरोना मरीजों की जांच करने मेडिकल कॉलेज भागलपुर से टीम आती है. जांच टीम संसाधन के साथ आती है और संदिग्ध का सैंपल लेकर उसे जांच में भेजने का काम करती है. भागलपुर से जो दूसरी टीम जांच करने के लिए मुंगेर आयी हुई वह लगातार सैंपल कलेक्शन कर रही है. लेकिन, इस टीम का टर्म 1 मई यानी आज समाप्त हो जायेगा. इसलिए दूसरी टीम आज भागलपुर लौट जायेगा. बताया गया कि मुंगेर के लिए तीसरी टीम मेडिकल कॉलेज भागलपुर ने बना रखा है. दूसरी टीम के आते ही तीसरी टीम को मुंगेर भेजा जायेगा. जो लोग मुंगेर से भागलपुर वापस लौटेंगे उन्हें 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन में भेज दिया जायेगा.

कोरोना के गंभीर मरीज ही भेजे जायेंगे डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल

स्वास्थ्य विभाग के गाइड लाइन के अनुसार चार भागों में कोरोना मरीजों को बांटा गया है. माइल्ड मामलों के लिए कोविड केयर सेंटर, मॉडरेट के लिए डेडिकेटेड कोविड हेल्ड सेंटर, सीवियर कोविड-19 के संक्रमण मामलों के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में इलाज होगा. जबकि, चिकित्सकों की पुष्टि के बाद वेरी माइल्ड कोविड-19 के संक्रमित मामलों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गयी है. लेकिन, मरीजों को लगातार डेडीकेटेड अस्पताल में रेफर करने के कारण बढ़ रहे दबाव को देखते हुए सरकार के अपर सचिव कौशल किशोर ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिख कर निर्देश जारी किया है. जिसमें साफ शब्दों में कहा गया है कि सिर्फ गंभीर कोरोना मरीजों को ही डेडीकेटेड कोरोना अस्पताल में रेफर किया जाये.

सरकार के अपर सचिव ने कहा हैं कि सामानय कोरोना पॉजिटिव मामले में डेडीकेटेड कोरोना अस्पताल में रेफर करने की स्थिति पर नियंत्रण के लिए तीन सदस्यीय नियंत्रण टीम का गठन गया है. जबकि, सभी सिविल सर्जन को कोरोना पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेशन सेंटर में रखने को गया है. यदि किसी कोरोना मरीज को चिकित्सकीय स्थिति गंभीर हो और ऐसा लगे कि उसे रेफर करने की जरूरत है तो ही मरीज की विस्तृत मेडिकल हिस्ट्री देते हुए टीम को ई-मेल से प्रस्ताव भेजे. नियंत्रण टीम के निर्णय के बाद ही मरीज को रेफर करने की कार्रवाई करें.

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