22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नक्सलियों की बर्बरता से लेकर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन विवाद तक, जानें कैसा बीता मुंगेर का यह साल 2020

वर्ष 2020 मुंगेर जिले में अपराध और आपराधिक घटनाओं के लिए सुर्खियों में रहा. इस वर्ष आपराधिक घाटनाओं में जितनी वृद्धि हुई. उसके अपेक्षा उपलब्धी काफी कम रही. अपराधिक घटनाओं की शृंखला काफी लंबी है पर कुछ खास घटनाएं ऐसी रही है जिसकी कसक न सिर्फ मन को कुदेरती रहेगा बल्कि इन घटनाओं के बाद उठी आग की लपटें बिहार ही नहीं दिल्ली तक राजनीति की गूंज बनी. चाहे वह दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस बर्बरता की घटना हो या फिर उसके बाद आंदोलन के दौरान कई थानों में आगजनी की वारदात. इसके साथ ही मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह में मां-बेटी की हृदय विदारक हत्या की घटना तथा खड़गपुर में नक्सलियों द्वारा की गई दोहरे हत्याकांड भी वर्ष 2020 के इतिहास में काला अघ्याय जोड़ गया.

वर्ष 2020 मुंगेर जिले में अपराध और आपराधिक घटनाओं के लिए सुर्खियों में रहा. इस वर्ष आपराधिक घाटनाओं में जितनी वृद्धि हुई. उसके अपेक्षा उपलब्धी काफी कम रही. अपराधिक घटनाओं की शृंखला काफी लंबी है पर कुछ खास घटनाएं ऐसी रही है जिसकी कसक न सिर्फ मन को कुदेरती रहेगा बल्कि इन घटनाओं के बाद उठी आग की लपटें बिहार ही नहीं दिल्ली तक राजनीति की गूंज बनी. चाहे वह दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस बर्बरता की घटना हो या फिर उसके बाद आंदोलन के दौरान कई थानों में आगजनी की वारदात. इसके साथ ही मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह में मां-बेटी की हृदय विदारक हत्या की घटना तथा खड़गपुर में नक्सलियों द्वारा की गई दोहरे हत्याकांड भी वर्ष 2020 के इतिहास में काला अघ्याय जोड़ गया.

नहीं भूल पा रहे 26 नवंबर 20 की घटना

26 नवंबर 2020 की रात दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान शहर के घनी आबादी वाली वाले क्षेत्र में पुलिस और पब्लिक के बीच हुई हिंसक झड़प को लोग नहीं भुल पायेंगे. क्योंकि इस गोलीबारी में जहां मुंगेर का बेटा अनुराग पोद्दार की मौत गोली लगने से हो गयी. जबकि पांच लोग गोली लगने से घायल हो गये थे. इतना ही माता की शरण में बैठे श्रद्धालुओं पर पुलिस की बर्बर लाठी चार्ज को भूलना मुश्किल है. इस घटना के दूसरे दिन यानी 28 अक्तूबर को शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराया गया. लेकिन पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में 29 नवंबर को मुंगेर वासियों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा. एसपी ऑफिस, एसडीओ के आवास स्थिति कार्यालय में तोड़फोड़ के बाद लोगों ने पांच थानों में आगजनी की. जिसके कारण तत्कालीन डीएम राजेश मीणा एवं एसपी लिपि सिंह तक को यहां से जाना पड़ गया. यह घटना जहां बिहार विधानसभा चुनाव का केंद्र बिंदु बन गया. वहीं दूसरी ओर इसकी गूंज दिल्ली तक रही.

झकझोर कर दिया मां-बेटी की निर्मम हत्या

17 जून 2020 को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव में हृदय विदारक घटना हुई. घर में अकेली रह रही मां-बेटी को बहशी हत्यारों ने ईंट-पत्थर से कूच कर मार डाला था. इतना ही नहीं बेटी के साथ गैंगरेप की घटना को भी अंजाम देने की बात कही गयी थी. जबकि घर में रखे जेवरात, नकदी को भी लूट लिया. हालांकि घटना के 12 घंटे के अंदर सभी 4 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. लेकिन इस घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया. जिसे लोग आज भी नहीं भूल पा रहे है.

Also Read: बिहार पुलिस में नौकरी के लिए दलाल ने मांगे पैसे, तो कर लिया बच्चे को किडनैप, जानें पूरा मामला…
दोहरे हत्याकांड को नहीं भूल पाये लोग

10 जून को नक्सली संगठन ने क्रुरता के सारी हदों को पार करते हुए दो लोगों को बंधक बनाकर हत्या कर दिया. नक्सलियों ने जटातरी गांव पहुंच कर बृजलाल टूडू और अरूण राय को बंधक बनाया और पास के पहाड़ पर ले जाकर दोनों की गला रेत कर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया था. जबकि ग्रामीण मुंह खोलने को तैयार नहीं हो रहे थे. हत्या करने के बाद नक्स्लियों ने जो परचा छोड़ा था जिसमें पुलिस मुखविरी के आरोप में दोनों की हत्या करने की बात लिखी हुई थी. उसे देखकर लोगों में इतना दहशत आ गया कि पुलिस के लिए काम करने वाला एजेंट ने पुलिस से दूरी बना लिया.

जून में हुए हत्याकांड ने पुलिस के लिए खड़ा कर दिया था चुनौती

जून महीने में हुई सीरियल हत्याकांडों ने पुलिस के लिए चुनौती खड़ा कर दिया था. 4 जून को जहां इस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र के नयागांव के ठाकुरबाड़ी रोड में डीलर पुत्र मुकेश चौरसिया को अपराधियों ने घर से बुलाकर गोली मारकर हत्या कर दिया थी. वहीं 16 जून को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भेलवा दियारा में अपराधियों ने ट्रैक्टर से खींच कर ऋषि सिंह की गोली मारकर हत्या कर दिया था. साथ ही मकई बेच कर प्राप्त 70 हजार रुपये भी लूट लिया था. 19 जून को जमालपुर थाना क्षेत्र के फरीदपुर में अपराधियों ने सत्तारूढ़ जदयू नेता जुगनू मंडल की गोली मारकर हत्या कर दिया था. इस हत्याकांड को अपराधियों ने अंजाम देकर पुलिस के सामने खुली चुनौती दे दिया.

2019 के मुकाबले 2020 में बढ़ी आपराधिक घटनाएं

मुंगेर जिले में 2019 में 38 लोगों की हत्या हुई थी. जबकि 2020 में 50 लोगों की हत्या नवंबर महीने तक में हो गयी. जबकि दिसंबर महीने में 4 से अधिक हत्याकांड को अंजाम दिया गया. जिसके कारण पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष हत्या की घटना में काफी वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं 2019 के मुकाबले 2020 में दंगा की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. 2019 में जहां 149 दंगा की घटना हुई थी. जबकि 2020 में 224 दंगे की घटना हुई है. 2019 में 17 बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था. वहीं 2020 में 18 बलात्कार की घटना हुई. 2020 में 13 लूट की घटना प्रतिवेदित हुआ. वहीं गृहभेदन की 64 घटनाएं हुई. 2020 में 137 साधारण अपहरण हुआ है. जबकि जिले में 2020 में 3125 संज्ञेय अपराध प्रतिवेदित हुआ.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें