Bihar News: मुंगेर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था तो पूरी तरह बदहाल है ही, इसे साथ ही सदर अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की मानवीय संवेदना भी पूरी तरह मरती जा रही है. कुछ ऐसा ही स्थिति मंगलवार की सुबह सदर अस्पताल में देखने को मिली, जहां एक पुत्र अपने मृत पिता के शव को ले जाने के लिए घंटों एंबुलेंस की तलाश करता रहा, लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिल पाया. एंबुलेंस चालक ने भी सड़क खराब होने की बात कहकर शव को ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद परेशान पुत्र ठेले पर पिता के शव को लेकर घर पहुंचा.
बता दें कि सुंदरपुर निवासी 60 वर्षीय देवी दास को ब्रेथलेस की शिकायत पर उसके पुत्र राजू कुमार द्वारा सदर अस्पताल के इमरजेंसी में मंगलवार की सुबह 5:55 में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान सुबह 6:40 में उसकी मौत हो गयी. वहीं मौत के बाद उसका पुत्र राजू कुमार और पत्नी सीता देवी उसके शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की तलाश करने लगे.
राजू कुमार ने बताया कि पिता की मौत के बाद वह लगभग आधे घंटे तक एंबुलेंस ढूंढ़ता रहा. लेकिन एंबुलेंस नहीं दी गयी. इसके बाद एक स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि बॉडी ले जाने के लिए एक छोटा एंबुलेंस है, जो शव को ले जाता है. जिसके बाद वह एंबुलेंस चालक के पास पहुंचा. लेकिन सुंदरपुर जाने का रास्ता खराब होने की बात कहकर एंबुलेंस चालक ने जाने से मना कर दिया.
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राजू ने बताया कि उसने कई बार एंबुलेंस चालक को मनाने की कोशिश की, लेकिन एंबुलेंस चालक नहीं माना. इसके बाद वह अपने पिता के शव को उसी ठेले पर लेकर घर जा रहा है. जिस ठेले से वह अपने बीमार पिता को मौत से पहले सदर अस्पताल लेकर आया था. उसने बताया कि उसके पिता और वह कचरा चुनने का काम करता है. उसके परिवार में उसकी मां सीता देवी है.
सदर अस्पताल प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि मरीज के परिजन द्वारा किसी से भी एंबुलेंस की मांग नहीं की गयी थी. वे लोग वृद्ध को ठेले पर लेकर आये थे. मौत के बाद ठेले पर ही लेकर चले गये.
Posted By: Thakur Shaktilochan