जमीन के कागजात देने के लिए पैसा लेना मुंगेर अभिलेखागार के तीन कर्मियों को महंगा पड़ गया. घूसखोरी की शिकायत पर मंगलवार को डीएम नवीन कुमार ने अधिकारियों के साथ जिला अभिलेखागार में छापेमारी की. जिस दौरान रिश्वत की रकम के साथ तीन कर्मचारियों और दो दलालों को गिरफ्तार कर लिया गया.
डीएम के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई से इस बात हकीकत का खुलासा हो गया कि मुंगेर के अभिलेखागार पर दलालों और घूसखोर कर्मियों का कब्जा बना हुआ है. यहां रुपये के खेल से जायज को नाजायज और नाजायज को जायज बनाया जाता है. जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक दलालों का कब्जा है. दलाली का खेल यहां चरम पर है. जिसकी शिकायत डीएम को भी की गयी.
रिश्वतखोरी और दलाली की सूचना पर जिलाधिकारी नवीन कुमार ने मंगलवार को समाहरणालय के समीप अभिलेखागार कार्यालय का औचक निरीक्षक किया. इस दौरान दो सरकारी कर्मी संजय कुमार व रामनारायण दास एवं दो दलाल ललन कुमार व शिशिर कुमार को रंगे हाथ पकड़ा गया.
डीएम ने इनके पास से 24 हजार 630 रुपया नगद के साथ ही कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किये. चारों को कोतवाली थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया. इस मामले में डीएम के निर्देश पर सदर अनुमंडल के कार्यपालक दंडाधिकारी प्रमोद बैठा के आवेदन पर कोतवाली थाना में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
बताया जाता है कि जिलाधिकारी को कुछ दिनों से लगातार शिकायत मिल रही थी कि अभिलेखागार कार्यालय में कुछ दलाल सक्रिय है. जो वहां कार्यरत सरकारी कर्मी के मिलीभगत से यहां जमीन का रिकॉर्ड देखने, उसकी फोटो कॉफी कराने एवं दस्तावेज को ढूढ़ने के नाम पर यहां आने वाले लोगों से मोटी रकम वसूल करता है. जिन लोगों द्वारा नजराना नहीं दिया जाता है उनका काम नहीं किया जाता है. इसी सूचना के आधार पर डीएम ने मंगलवार को अपराह्न लगभग 3 बजे अभिलेखागार कार्यालय का अन्य पदाधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण किया.
औचक निरीक्षण के क्रम में कई सरकारी कर्मी और दलालों के पास हजारों रुपये नगद और जमीन संबंधित कुछ दस्तावेज बरामद किये गये. जबकि उनके पास से बहुत सारे पुर्जा भी बरामद से किये गये. वहां मौजूद काम कराने आये दो लोगों ने इस बात की पुष्टि की कि कागज निकालने के एवज में उनसे रिश्वत लिया गया है. इसके बाद डीएम ने कर्मचारियों एवं दलालों से पूछताछ किया, तो कर्मचारी एवं दलाल के द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया.
कर्मचारी एवं दलाल बरामद रुपये की भी जानकारी नहीं दे सके. जिसके बाद डीएम के निर्देश पर कोतवाली थाना पुलिस को बुलाया गया और चारों को पुलिस के हवाले कर दिया. जबकि उसके पास से बरामद रुपया एवं दस्तावेज भी पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया. औचक निरीक्षण के दौरान दौरान एडीएम विद्यानंद सिंह, एसडीओ खगेश चंद्र झा सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan