मुंगेर में गंगा पर बने रेल-सड़क पुल पूरी तरह से जनता को समर्पित नहीं हो सका है. मुंगेर गंगा सड़क पुल सह एप्रोच पथ का उद्घाटन एकबार फिर टल गया और ये 16 जनवरी को भी नहीं हो पाया. इससे पहले इस पुल का लोकार्पण 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती के दिन होना था. कार्यक्रम को लेकर सारी तैयारियां कर ली गई थी. लेकिन कार्ड छपने के बाद इसका लोकार्पण टाल दिया गया था. अब जनवरी में भी तय तिथि को इसका उद्घाटन नहीं हो सका है.
मुंगेर गंगा सड़क पुल सह एप्रोच पथ का उद्घाटन लंबे समय से पेंडिंग है. राजनीतिक स्तर पर उद्घाटन की संभावित तिथि 16 जनवरी 2022 थी. लेकिन इस नये संभावित तिथि पर भी पुल का उद्घाटन नहीं हो पाया. क्योंकि कई जगहों पर बाइपास ओवरब्रिज का कार्य निर्माणाधीन होने और एप्रोच पथ के सड़क का निर्माण कार्य भी अबतक पूरा न हो पाने के कारण अब सड़क पुल का लोकार्पण नहीं हो पाया. जबकि इससे पूर्व भी 25 दिसंबर 2021 को इस पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाना था. लेकिन अंतिम समय में इसे स्थगित कर दिया गया था. इधर दूसरे संभावित तिथि पर भी उद्घाटन नहीं होने से लोगों में निराशा बन गयी है.
मुंगेर सड़क पुल यानी एप्रोच पथ का निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है. जबकि निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण ही पूर्व में भी उद्घाटन की तिथि में बदलाव करते हुए नया संभावित तिथि 16 जनवरी 2022 निर्धारित किया गया था. लेकिन कई जगहों पर बायपास ओवरब्रिज निर्माणाधीन होने और एप्रोच पथ की सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण संभावित तिथि 16 जनवरी था. इसी कारण उद्घाटन को लेकर एनएचएआइ और जिला प्रशासन द्वारा कोई तैयारी नहीं किया गया है.
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बार-बार उद्घाटन टलने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि एप्रोच पथ के चंडिका के समीप बाइपास ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. जबकि चौखंडी और चुरंबा मस्जिद के पास रिटर्निंग वॉल का कार्य चल रहा है. इसके अलावा भी कई जगहों पर बाइपास ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है. इतना ही नहीं कई जगहों पर बाइपास ओवरब्रिज को एप्रोच पथ के सड़क से जोड़ने के लिए बालू का भराई करना बांकी है. एनएचएआइ और निर्माण एजेंसी द्वारा मेन पावर और मिशनरी का अधिक उपयोग करने के बावजूद संभावित तिथि 16 जनवरी को एप्रोच पथ का उद्घाटन नहीं कराया जा सका.
गौरतलब है कि इस रेल सड़क पुल का शिलान्यास तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी. पिछले दिसंबर को उनकी जयंती पर इसका उद्घाटन संभावित था. लेकिन अंतिम समय में ये टला था. इस दौरान एक राजनीतिक तनाव भी आया था जब खगड़िया और मुंगेर के सांसद को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया लेकिन बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को न्योता नहीं गया. इसके बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने खुद उनका नाम सूची में जोड़ा था.
Posted By: Thakur Shaktilochan