मुंगेर स्वास्थ्य विभाग 1 से 15 अप्रैल तक स्वच्छता पखवारा मना रहा है. इसके अनुश्रवण के लिए सिविल सर्जन द्वारा प्रखंडवार नोडल और वरीय पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्ति की गयी है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग का यह स्वच्छता पखवारा सदर अस्पताल में ही केवल कागजों पर ही चल रहा है.
जहां पूरे दिन अस्पताल परिसर और विभिन्न वार्डों में गंदगी और मेडिकल कचरा फेंका हुआ रहता है. जबकि आवारा कुत्तों का जमावाड़ा सुबह से लेकर रात तक लगा रहता है. अब ऐसे हालत में स्वास्थ्य विभाग के स्वच्छता पखवारा की हालत जब सदर अस्पताल में ही बदहाल है तो प्रखंड में इस स्वच्छता पखवारे की हालत क्या होगी. इसे अपने आप समझा जा सकता है.
बता दें कि राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार पटना द्वारा स्वच्छता के मुद्दों और प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करने तथा सभी सरकारी कार्यालयों को स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों में शामिल करने के लिए 1 से 15 अप्रैल तक स्वच्छता पखवारा मनाया जा रहा है.
इसमें सभी कार्यालयों में प्रतिदिन किए जाने वाले कार्यों में साफ-सफाई को अपनाना है. साथ ही इसके लिए आमजनों को भी जागरूक किया जाना है. इस दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाना है. साथ ही विद्यालयों में जाकर बच्चों को भी जागरूकता के बारे में बताया जाना है.
वहीं इसके अनुश्रवण को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रखंडवार नोडल और वरीय पदाधिकारी को भी प्रतिनियुक्त किया गया है. जिनपर स्वच्छता पखवारा के दौरान अपने-अपने संबंधित क्षेत्र का भम्रण कर इसके सफल संचालन की जिम्मेदारी है. इसमें सदर प्रखंड एवं सदर अस्पताल के लिए जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी रचना कुमारी और जिला लेखा प्रबंधक पंकज कुमार को नोडल तथा जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ध्रुव कुमार साह को वरीय पदाधिकारी बनाया गया है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा भले ही स्वच्छता पखवारा चलाये जाने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन सदर अस्पताल में जहां पूरे दिन अस्पताल परिसर और विभिन्न वार्डों में गुटका व तंबाकु का पैकेट सहित मेडिकल कचरा फैला रहता है. वहीं अस्पताल में आवारा कुत्तों का जमावाड़ा लगा रहता है. जो खुद की स्वास्थ्य विभाग के स्वच्छता पखवारे की पोल खोल रहा है.
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रविवार को जब स्वच्छता पखवारे के तहत सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों का जायजा लिया गया. इसमें एसएनसीयू और चाइल्ड वार्ड के बाहर कचरा रखे जाने वाला डस्टबीन टूटा मिला. इसमें पड़ा कचरा वहां मौजूद कुत्ता चाट रहा था. इमरजेंसी वार्ड के अंदर तो थोड़ी बहुत साफ-सफाई देखने को मिली. लेकिन वार्ड के बाहर चारों ओर मेडिकल कचरा जैसे सिरिंज, मरीजों का घाव साफ करने के बाद फेंकी गयी रूई, दवा के पैकेट, इंजेक्शन की टूटी शीशियां मिली.
वहीं महिला वार्ड के तरफ तो इससे भी खराब हालत दिखी, जहां लगे पियाऊ के आसपास पानी फैला था और चारों ओर कजली बैठा था. जिस पर चलने से मरीज के परिजन कभी भी फिसल कर घायल हो सकते हैं. वहीं पूरे परिसर में जहां-तहां मेडिकल कचरा फेंका हुआ था.
स्वच्छता पखवारा को लेकर सदर प्रखंड एवं सदर अस्पताल के वरीय अधिकारी सह जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ध्रुव कुमार साह ने बताया कि स्वच्छता पखवारा का मुख्य उदेश्य आम जीवन में स्वच्छता को पूरी तरह से अपनाना है. स्वास्थ्य विभाग के लिए स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है. पखवारा को लेकर अस्पताल प्रबंधन को कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया था. अगर अस्पताल में इसका पालन नहीं हो रहा है, तो इसकी जानकारी ली जाएगी.