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लॉकडाउन के कारण जमालपुर रेल कारखाना को लगभग 100 करोड़ का नुकसान

जमालपुर : पूरे देश में कोरोना वायरस कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन है. जिसके कारण यात्री ट्रेनों का पहिया थम गया है और रेलवे को भारी नुकसान हो रहा. यहां तक कि सामान्य कामकाज भी प्रतिबंधित हो जाने के कारण जमालपुर रेल कारखाना तक पीओएच के लिए बैगन नहीं पहुंच पा रहा. एक अनुमान के अनुसार […]

जमालपुर : पूरे देश में कोरोना वायरस कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन है. जिसके कारण यात्री ट्रेनों का पहिया थम गया है और रेलवे को भारी नुकसान हो रहा. यहां तक कि सामान्य कामकाज भी प्रतिबंधित हो जाने के कारण जमालपुर रेल कारखाना तक पीओएच के लिए बैगन नहीं पहुंच पा रहा. एक अनुमान के अनुसार अबतक के लॉकडाउन में जमालपुर रेल कारखाना को सौ करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. बदहाली तो यह है कि जब 20 अप्रैल से देश के कई कल-कारखाने खुलेंगे, बावजूद जमालपुर रेल कारखाना का बम्मा नहीं बजेगा. क्योंकि जमालपुर कोविड-19 के रेड जोन में आ गया है. फलत: रेल प्रशासन ने जमालपुर कारखाना में मरम्मति व निर्माण कार्य नहीं करने का आदेश दिया है. वैसे प्रशासनिक कार्यालय खोले जायेंगे. 23 मार्च से बंद है रेल कारखाना रेल इंजन कारखाना जमालपुर में मुख्य रूप से वैगन पीओएच का काम होता है. जहां देश के अलग-अलग हिस्सों से वैगन जमालपुर तक लाया जाता है. परंतु लॉकडाउन के कारण बैगन का यहां पहुंचना पूरी तरह बंद हो गया है. इसके कारण रेल कारखाना में कार्य करने वाले लगभग 6000 से अधिक रेलकर्मी घर बैठे हुए हैं. हालांकि पूरे देश में रेलवे की लगभग ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. परंतु रेल इंजन कारखाना की बात करें तो यहां एसेंशियल ड्यूटी को लेकर कुछ रेलकर्मियों का कार्य लगातार लॉकडाउन के दौरान भी जारी रहा. परंतु सामान्य कामकाज पूरी तरह ठप है.

रेल कारखाना में सामान्य कामकाज 04 मई से होगा आरंभ

रेल इंजन कारखाना जमालपुर में सामान्य कामकाज अभी आरंभ नहीं होगा. इस संबंध में मुख्य कारखाना प्रबंधक एस विजय द्वारा पूर्व रेलवे कोलकाता के प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर को चीफ वर्क्स इंजीनियर के मार्फत पत्र लिखा गया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जमालपुर कारखाना बिहार राज्य के मुंगेर जिला के अंतर्गत है और सरकार की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बिहार के मुंगेर में कोविड-19 के 17 पॉजिटिव केस हैं. यह दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार बिहार के डीएम मुंगेर को संबोधित करते हुए यह उल्लेख किया गया है कि मुंगेर बड़े कलस्टर के साथ हॉटस्पॉट रेड जोन के अंतर्गत आता है और यह स्पष्ट किया जाता है कि एमएचए द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के अनुसार दूषित क्षेत्रों में गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश के तहत गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस स्थिति में जमालपुर वर्कशॉप अपना ऑपरेशन शुरू नहीं कर सकता है.

परिचालन बंद होने से हुआ नुकसान

जमालपुर : रेल कारखाना का सारा कामकाज ठप है तो रनिंग डिपार्टमेंट में यात्री ट्रेनों की आवाजाही भी पूरी तरह बंद है. ऐसे में रेलवे को लगभग सौ करोड़ रुपये के नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. सूत्रों की मानें तो मालदा रेल मंडल के मुख्यालय में ही केवल 9000 कर्मचारी काम करते हैं. जबकि रेल इंजन कारखाना में 6300 से अधिक कर्मचारी हैं. सूत्र बताते हैं कि मालदा डिवीजन में कार्यरत रेलकर्मियों को प्रतिमाह लगभग 38 करोड़ रुपए का वेतन मद में खर्च होता है. जब भी रेल इंजन कारखाना में यह राशि लगभग 26 करोड़ रुपये का आता है. इस गणना का आधार कोविड-19 को लेकर रेलकर्मियों द्वारा अपने 1 दिन के वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में देने की राशि के आधार पर किया गया है. मुख्यालय के रेलकर्मियों द्वारा प्रधानमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन 1.11 करोड़ रुपये भेजे गये. जबकि रेल कारखाना जमालपुर से 1 दिन के वेतन मद में लगभग 85 लाख रुपये प्रदान किये गये.

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